''IAS में शामिल होने और वंचितों की सेवा करने का सपना साकार'': UPSC टॉपर शुभम कुमार ने कहा

परीक्षा का परिणाम यूपीएससी की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा. आयोग ने कहा, ‘‘वेबसाइट पर अंक, परिणाम घोषित होने के 15 दिनों के अंदर उपलब्ध होंगे.’’

नई दिल्ली:

बिहार (Bihar) के शुभम कुमार (Shubham Kumar) ने प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा, 2020 में शीर्ष स्थान हासिल किया है, वहीं मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की जागृति अवस्थी ने दूसरा स्थान हासिल किया. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने परीक्षा के परिणाम शुक्रवार को जारी किए. परीक्षा में कुल 761 उम्मीदवार उत्तीर्ण हुए हैं जिनमें 545 पुरुष और 216 महिलाएं हैं और आयोग ने विभिन्न सिविल सेवाओं के लिए उनके नामों की अनुशंसा की है.

IAS टीना डाबी की बहन का 15वां स्थान

2015 में सिविल सेवा परीक्षा की टॉपर रही टीना डाबी की बहन रिया डाबी ने सिविल सेवा परीक्षा में 15वां स्थान हासिल किया है. टीना डाबी आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में अपने कैडर राज्य राजस्थान में पदस्थ हैं. 

तीसरे प्रयास में किया टॉप

कुमार (24) ने अपने तीसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में शीर्ष स्थान हासिल किया. वह 2018 में पहले प्रयास में उत्तीर्ण नहीं हो सके, जबकि 2019 में दूसरे प्रयास में उनका चयन भारतीय रक्षा लेखा सेवा (आईडीएएस) के लिए हुआ था. कुमार ने आईआईटी बंबई से बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (सिविल इंजीनियरिंग) की डिग्री ली है और यूपीएससी परीक्षा के लिए उन्होंने मानव शास्त्र को वैकल्पिक विषय चुना था. बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले कुमार वर्तमान में पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा वित्तीय प्रबंधन अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे हैं.

''मेरा सपना पूरा हो गया''

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा सपना आईएएस बनने का था क्योंकि इसमें लोगों की बेहतरी के लिए बड़े मंच पर काम करने का अवसर मिलता है. यह पूरा हो गया है और मैं वंचित लोगों के लिए काम करना पसंद करूंगा, खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में.'' कुमार ने कहा, ‘‘मेरे पिता मुझे प्रोत्साहित करते थे और मुझे सकारात्मक रवैया बनाए रखने में सहयोग करते थे जिससे परीक्षा पास करने में मुझे मदद मिली.'' उनके पिता बिहार में बैंक प्रबंधक हैं.

जागृति अवस्थी सेकेंड टॉपर

दूसरा स्थान हासिल करने वाली जागृति अवस्थी (24) मध्यप्रदेश के भोपाल की रहने वाली हैं और उन्होंने कहा कि वह आईएएस बनना और ग्रामीण विकास के लिए काम करना चाहेंगी. इसके अलावा वह महिला एवं बाल विकास के लिए भी काम करना चाहती हैं. उन्होंने भोपाल से ‘पीटीआई-भाषा' को फोन पर बताया, ‘‘मैंने आईएएस चुना है. मेरे आसपास के लोग मुझे प्रोत्साहित करते थे. मैं महिला एवं बाल विकास के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए काम करना चाहूंगी.'' उन्होंने स्कूली शिक्षा महर्षि विद्या मंदिर से हासिल की और इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल से उन्होंने स्नातक किया. अवस्थी महिला उम्मीदवारों के बीच टॉपर हैं और उन्होंने समाजशास्त्र को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना था.

नौकरी छोड़कर सिविल सेवा की तैयारी

उन्होंने भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल), भोपाल में नौकरी छोड़कर परीक्षा की तैयारी की. उन्होंने कहा, ‘‘2017 में स्नातक करने के बाद मैंने दो वर्षों तक भेल में काम किया. पहले प्रयास में मेरा चयन नहीं हुआ. यह मेरा दूसरा प्रयास था.''
अवस्थी ने कहा कि उनका भाई भोपाल में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है जो उनके लिए प्रेरणा का सबसे बड़ा स्रोत था. अवस्थी के पिता प्रोफेसर और मां गृहिणी हैं.अंकिता जैन तीसरे स्थान पर रहीं.

20 शीर्ष स्थान पर महिला-पुरुषों की संख्या बराबर

सिविल सेवा परीक्षाओं का आयोजन प्रति वर्ष यूपीएससी तीन चरणों में करता है जिनमें प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार शामिल हैं. इन परीक्षाओं के माध्यम से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सहित कई अन्य सेवाओं के लिए उम्मीदवारों का चयन होता है. कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने सफल उम्मीदवारों को बधाई दी और कहा कि अगले 25 वर्षों तक वे अपने महत्वपूर्ण योगदान के माध्यम से देश की सेवा करेंगे और भारत की स्वतंत्रता के सौवें वर्ष पर राष्ट्र निर्माण में योगदान करते रहेंगे. सिंह ने कहा कि 20 शीर्ष स्थान हासिल करने वालों में महिला और पुरुषों की संख्या बराबर (प्रत्येक दस) है.

4,82,770 परीक्षा में बैठे

उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय जल्द ही 20 टॉपरों के साथ सीधी वार्ता करेगा एवं उनका सम्मान करेगा, जैसा कि प्रति वर्ष किया जाता है. सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा, 2020 का आयोजन पिछले वर्ष चार अक्टूबर को हुआ था. बयान में बताया गया कि 10,40,060 उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए आवेदन दिया था जिनमें से 4,82,770 परीक्षा में बैठे. मुख्य परीक्षा के लिए 10,564 उम्मीदवार उत्तीर्ण हुए जिसका आयोजन जनवरी 2021 में हुआ. बयान में बताया गया कि इनमें से 2053 उम्मीदवार साक्षात्कार के लिए चुने गए.

761 उम्मीदवारों में से 25 दिव्यांग

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761 उम्मीदवारों में से 25 दिव्यांग हैं. सफल उम्मीदवारों में से 263 सामान्य श्रेणी के, 86 आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के, 220 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के, 122 अनुसूचित जाति (एससी) से और 61 अनुसूचित जनजाति से हैं. कुल 150 उम्मीदवारों को आरक्षित सूची में रखा गया है. परीक्षा का परिणाम यूपीएससी की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा. आयोग ने कहा, ‘‘वेबसाइट पर अंक, परिणाम घोषित होने के 15 दिनों के अंदर उपलब्ध होंगे.''



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)