तिरुवनंतपुरम:
केरल के कोट्टायम जिले की 27 साल की डॉक्टर रेणु राज को यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा परिणाम में दूसरा स्थान हासिल हुआ है और वह अभी तक इस अचंभे से बाहर नहीं आ पाई हैं।
उन्होंने पहली बार यह परीक्षा दी थी। बहुत कम प्रतिभागी इस प्रतिष्ठित इम्तिहान में पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर पाते हैं। रेणु राज को रैंकिंग में इतने ऊंचे स्थान की उम्मीद नहीं थी और उन्होंने इस वर्ष की प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी थी।
कोल्लम के ईएसआई अस्पताल में कार्यरत रेणु ने कहा कि रिजल्ट को लेकर मैं रात से काफी तनाव में थी। हालांकि मुझे मालूम था कि अगले दिन दोपहर में रिजल्ट आएगा, लेकिन मैंने अपने माता-पिता को इस बारे में नहीं बताया।
डॉक्टर रेणु ने कहा, मैंने अपने पिता की सलाह मानते हुए पहले मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर करियर सुनिश्चित किया, जिसके बाद मेरी शादी हो गई। लेकिन मेरे पति और परिवारवालों ने मुझे मेरे सपने पूरे करने के लिए प्रेरित किया।
परिवार को बधाइयां मिलने का सिलसिला थम नहीं रहा है। रेणु के पिता राजकुमार नायर सड़क परिवहन विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। वह कहते हैं- शादी के बाद अमूमन एक महिला के सपनों का अंत हो जाता है। लेकिन रेणु के मामले में उसके पति, ससुराल वालों और हम सबने हर कदम पर उसका साथ दिया।
मिठाई खिलाए जाने के बीच रेणु ने मुस्कुराते हुए कहा, इन सब लोगों ने मेरा हौसला बढ़ाया और इस उपलब्धि को हासिल करने में मदद की। पिछले साल तक रेणु कोचिंग क्लास करने के लिए अपने उनके माता-पिता के साथ दिल्ली में रह रही थीं। रेणु की मां बीएन लता ने कहा, मेरी बेटियों ने उन लोगों को जवाब दे दिया है, जो मुझसे पूछते थे कि दो बेटियों के साथ मैं क्या करूंगी।
उन्होंने पहली बार यह परीक्षा दी थी। बहुत कम प्रतिभागी इस प्रतिष्ठित इम्तिहान में पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर पाते हैं। रेणु राज को रैंकिंग में इतने ऊंचे स्थान की उम्मीद नहीं थी और उन्होंने इस वर्ष की प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी थी।
कोल्लम के ईएसआई अस्पताल में कार्यरत रेणु ने कहा कि रिजल्ट को लेकर मैं रात से काफी तनाव में थी। हालांकि मुझे मालूम था कि अगले दिन दोपहर में रिजल्ट आएगा, लेकिन मैंने अपने माता-पिता को इस बारे में नहीं बताया।
डॉक्टर रेणु ने कहा, मैंने अपने पिता की सलाह मानते हुए पहले मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर करियर सुनिश्चित किया, जिसके बाद मेरी शादी हो गई। लेकिन मेरे पति और परिवारवालों ने मुझे मेरे सपने पूरे करने के लिए प्रेरित किया।
परिवार को बधाइयां मिलने का सिलसिला थम नहीं रहा है। रेणु के पिता राजकुमार नायर सड़क परिवहन विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। वह कहते हैं- शादी के बाद अमूमन एक महिला के सपनों का अंत हो जाता है। लेकिन रेणु के मामले में उसके पति, ससुराल वालों और हम सबने हर कदम पर उसका साथ दिया।
मिठाई खिलाए जाने के बीच रेणु ने मुस्कुराते हुए कहा, इन सब लोगों ने मेरा हौसला बढ़ाया और इस उपलब्धि को हासिल करने में मदद की। पिछले साल तक रेणु कोचिंग क्लास करने के लिए अपने उनके माता-पिता के साथ दिल्ली में रह रही थीं। रेणु की मां बीएन लता ने कहा, मेरी बेटियों ने उन लोगों को जवाब दे दिया है, जो मुझसे पूछते थे कि दो बेटियों के साथ मैं क्या करूंगी।
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