नई दिल्ली:
जम्मू एवं कश्मीर में पांच भारतीय जवानों की हत्या के मामले पर संसद में दूसरे दिन भी हंगामा हुआ, भाजपा ने रक्षा मंत्री पर दोनों सदनों को गुमराह करने का आरोप लगाया। इस बीच, सरकार पुंछ पर हुए हमले पर संसद में सफ़ाई दे सकती है।
इससे पहले, रक्षा मंत्री एके एंटनी ने जो बयान दिया संसद में बुधवार को उसपर भी हंगामा होता रहा। बीजेपी ने मांग की कि एंटनी अपने बयान के लिए माफी मांगे। एंटनी ने सफाई तो दी लेकिन कहा कि उन्होंने जो भी कहा, सही कहा।
पांच भारतीय सैनिकों की हत्या के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही लगातार दूसरे दिन बाधित हुई। दोनों सदनों की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही पहले दोपहर तक के लिए स्थगित हुई। दोपहर में कार्यवाही शुरू होने के बाद हंगामा नहीं थमा और सदनों की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। दोपहर बाद दो बजे भी सदन में शांति नहीं होने से संसद की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने लोकसभा में कहा, "रक्षा मंत्री ने एक बयान दिया, लेकिन बाद में पता चला कि रक्षा मंत्रालय ने भी एक विज्ञप्ति जारी की है।" उन्होंने कहा कि जहां रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना हमले के लिए जिम्मेदार है, वहीं मंत्री ने उसे क्लीन चिट दे दी।
स्वराज ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है और उन्होंने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से एक वक्तव्य देने की मांग की।
उनकी इस टिप्पणी के बाद सदन में हंगामे के कारण लोकसभा अध्यक्ष मीराकुमार ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
जम्मू एवं कश्मीर में पांच भारतीय सैनिकों की हत्या के मामले में रक्षा मंत्री एके एंटनी के बयान में विसंगति का मुद्दा बुधवार को राज्यसभा में भी सदस्यों ने उठाया और इसके चलते हुए हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
भाजपा नेता एम. वेंकैया नायडू ने राज्यसभा में कहा, "रक्षा मंत्री ने कल (मंगलवार) एक बयान दिया और रक्षा मंत्रालय की विज्ञप्ति में कुछ और कहा गया। रक्षा मंत्री को स्पष्टीकरण देकर माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने देश को नीचा दिखाया है।" विपक्षी सदस्यों ने इस मुद्दे पर सदन में हंगामा खड़ा कर दिया और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
अन्य मुद्दे भी सदन में उठाए गए। वामदलों ने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हत्याओं का मामला उठाया और सीमांध्र क्षेत्र से तेलुगू देशम पार्टी के सांसदों ने तेलंगाना विरोधी चिंताओं को उठाया।
इससे पहले, रक्षा मंत्री एके एंटनी ने जो बयान दिया संसद में बुधवार को उसपर भी हंगामा होता रहा। बीजेपी ने मांग की कि एंटनी अपने बयान के लिए माफी मांगे। एंटनी ने सफाई तो दी लेकिन कहा कि उन्होंने जो भी कहा, सही कहा।
पांच भारतीय सैनिकों की हत्या के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही लगातार दूसरे दिन बाधित हुई। दोनों सदनों की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही पहले दोपहर तक के लिए स्थगित हुई। दोपहर में कार्यवाही शुरू होने के बाद हंगामा नहीं थमा और सदनों की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। दोपहर बाद दो बजे भी सदन में शांति नहीं होने से संसद की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने लोकसभा में कहा, "रक्षा मंत्री ने एक बयान दिया, लेकिन बाद में पता चला कि रक्षा मंत्रालय ने भी एक विज्ञप्ति जारी की है।" उन्होंने कहा कि जहां रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना हमले के लिए जिम्मेदार है, वहीं मंत्री ने उसे क्लीन चिट दे दी।
स्वराज ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है और उन्होंने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से एक वक्तव्य देने की मांग की।
उनकी इस टिप्पणी के बाद सदन में हंगामे के कारण लोकसभा अध्यक्ष मीराकुमार ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
जम्मू एवं कश्मीर में पांच भारतीय सैनिकों की हत्या के मामले में रक्षा मंत्री एके एंटनी के बयान में विसंगति का मुद्दा बुधवार को राज्यसभा में भी सदस्यों ने उठाया और इसके चलते हुए हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
भाजपा नेता एम. वेंकैया नायडू ने राज्यसभा में कहा, "रक्षा मंत्री ने कल (मंगलवार) एक बयान दिया और रक्षा मंत्रालय की विज्ञप्ति में कुछ और कहा गया। रक्षा मंत्री को स्पष्टीकरण देकर माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने देश को नीचा दिखाया है।" विपक्षी सदस्यों ने इस मुद्दे पर सदन में हंगामा खड़ा कर दिया और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
अन्य मुद्दे भी सदन में उठाए गए। वामदलों ने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हत्याओं का मामला उठाया और सीमांध्र क्षेत्र से तेलुगू देशम पार्टी के सांसदों ने तेलंगाना विरोधी चिंताओं को उठाया।
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