उपहार सिनेमा हादसा : गोपाल बंसल को सुप्रीम कोर्ट से झटका (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली के उपहार सिनेमा हादसा मामले में दोषी गोपाल अंसल को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने 9 फरवरी को दायर की गई पुनर्विचार याचिका पर फैसले के संशोधन की याचिका खारिज कर दी थी. इसमें समानता के आधार पर गोपाल बंसल ने सुशील अंसल की तरह जेल से राहत मांगी थी. बुधवार को भी सुप्रीम कोर्ट ने गोपाल अंसल को राहत देने से इंकार कर दिया था. हालांकि अब उन्हें 20 मार्च तक सरेंड करना है पहले उन्हें 9 मार्च तक करना था.
दरअसल बुधवार को गोपाल अंसल की ओर से कहा गया था कि रामगोपाल की याचिका पर सुनवाई को होली की छुट्टियों के बाद रखा जाए और तब तक गोपाल अंसल को सेरेंडर करने का वक्त बढ़ा दिया जाए क्योकि गोपाल अंसल को गुरुवार को सरेंडर करना है.
सुनवाई के दौरान गोपाल अंसल की ओर से कहा गया कि हमारा सिनेमा बंद हो गया और मैं चैरिटी पर जी रहा हूं. मैं पहले भी बीमार था और जजमेंट के बाद बीमारी गंभीर हो गई है. यह गलत है कि उन्होंने ट्रायल कोर्ट में बीमारी की बात नहीं रखी. ट्रायल कोर्ट में भी उन्होंने बताया था कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर, शुगर और पीठ दर्द समेत कई बीमारियां हैं. मेरी तबियत सुशील अंसल से खराब है और मैं भी बुजुर्ग हूं. बता दें कि यह इस केस में उनकी पहली रिव्यू पिटीशन है. उन्होंने इसी की आधार बनाकर कहा कि, इसीलिए मैं मानवीय और कानूनी आधार पर कोर्ट से समानता के आधार पर राहत मांग रहा हूं.
कोर्ट ने पीड़ितों की याचिका भी खारिज कर दी जिसमें पुनर्विचार याचिका पर राहत देने के फैसले में संशोधन कर सुशील अंसल को सरेंडर कर जेल भेजने की मांग की थी. यानी कि, सुशील अंसल को राहत बरकरार रहेगी. रामगोपाल की याचिका पर सुनवाई के मामले पर जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि इस केस की सुनवाई दूसरी बेंच कर रही है. फिलहाल किसी तरह की रियायत नहीं दी जा सकती. कोर्ट ने यह भी कहा था ये संभव नहीं हो सकता कि आपको सरेंडर करने का वक्त और बढ़ा दें क्योंकि इस मामले को मेरे अलावा दो और जज सुन रहे हैं. ऐसे में जब कल तीनों जस्टिस साथ बैठ इस मामले की सुनवाई करेंगे तब ये तय करेंगे कि आपको रियायत दी जाये या नहीं.
वहीं इस मामले में अब पीडित भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. पीडितों ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट 9 फरवरी के अपने आदेशों में संशोधन करे जिसमें सुशील अंसल को राहत दी गई थी और उन्हें फौरन सेरेंडर कर जेल भेजा जाए. पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के लिए कहा था लेकिन ये सुनवाई टाल दी गई. गौरतलब है कि उपहार सिनेमा में 1996 में बार्डर फिल्म के प्रदर्शन के दौरान आग लग गई थी जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी.
दरअसल बुधवार को गोपाल अंसल की ओर से कहा गया था कि रामगोपाल की याचिका पर सुनवाई को होली की छुट्टियों के बाद रखा जाए और तब तक गोपाल अंसल को सेरेंडर करने का वक्त बढ़ा दिया जाए क्योकि गोपाल अंसल को गुरुवार को सरेंडर करना है.
सुनवाई के दौरान गोपाल अंसल की ओर से कहा गया कि हमारा सिनेमा बंद हो गया और मैं चैरिटी पर जी रहा हूं. मैं पहले भी बीमार था और जजमेंट के बाद बीमारी गंभीर हो गई है. यह गलत है कि उन्होंने ट्रायल कोर्ट में बीमारी की बात नहीं रखी. ट्रायल कोर्ट में भी उन्होंने बताया था कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर, शुगर और पीठ दर्द समेत कई बीमारियां हैं. मेरी तबियत सुशील अंसल से खराब है और मैं भी बुजुर्ग हूं. बता दें कि यह इस केस में उनकी पहली रिव्यू पिटीशन है. उन्होंने इसी की आधार बनाकर कहा कि, इसीलिए मैं मानवीय और कानूनी आधार पर कोर्ट से समानता के आधार पर राहत मांग रहा हूं.
कोर्ट ने पीड़ितों की याचिका भी खारिज कर दी जिसमें पुनर्विचार याचिका पर राहत देने के फैसले में संशोधन कर सुशील अंसल को सरेंडर कर जेल भेजने की मांग की थी. यानी कि, सुशील अंसल को राहत बरकरार रहेगी. रामगोपाल की याचिका पर सुनवाई के मामले पर जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि इस केस की सुनवाई दूसरी बेंच कर रही है. फिलहाल किसी तरह की रियायत नहीं दी जा सकती. कोर्ट ने यह भी कहा था ये संभव नहीं हो सकता कि आपको सरेंडर करने का वक्त और बढ़ा दें क्योंकि इस मामले को मेरे अलावा दो और जज सुन रहे हैं. ऐसे में जब कल तीनों जस्टिस साथ बैठ इस मामले की सुनवाई करेंगे तब ये तय करेंगे कि आपको रियायत दी जाये या नहीं.
वहीं इस मामले में अब पीडित भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. पीडितों ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट 9 फरवरी के अपने आदेशों में संशोधन करे जिसमें सुशील अंसल को राहत दी गई थी और उन्हें फौरन सेरेंडर कर जेल भेजा जाए. पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के लिए कहा था लेकिन ये सुनवाई टाल दी गई. गौरतलब है कि उपहार सिनेमा में 1996 में बार्डर फिल्म के प्रदर्शन के दौरान आग लग गई थी जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी.
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