निलंबित आईपीएस ऑफिसर अमिताभ ठाकुर (फाइल फोटो)
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के निलंबित आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने जहां एक ओर ‘सत्य की लडाई’ में उन्हें भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के लिए चर्चित अधिकारियों अशोक खेमका और संजीव चतुर्वेदी के नैतिक समर्थन का दावा किया है। पति-पत्नी ने उनके खिलाफ गाजियाबाद की महिला की तरफ से रेप के आरोप में दाखिल प्राथमिकी को एक बड़ी साजिश का हिस्सा करार दिया है।
महानिरीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारी अमिताभ और उनकी सामाजिक कार्यकर्ता पत्नी नूतन ने रविवार को कहा, 'जिस महिला ने हमारे खिलाफ रेप का आरोप लगाया है, उसे उत्तर प्रदेश के खनन मंत्री गायत्री प्रजापति एक कठपुतली की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं और यह सब एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।'
नूतन ठाकुर अपने पति अमिताभ के साथ उन दोनों के खिलाफ गाजियाबाद की महिला द्वारा दायर प्राथमिकी के सिलसिले में गोमती नगर के पुलिस क्षेत्राधिकारी सत्यसेन यादव के कार्यालय गईं और 11 पन्ने का एक प्रार्थना पत्र दिया।
उन्होंने अपने पत्र में दावा किया है कि उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पूरी तरह से मनगढ़ंत है और एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह साजिश खनन मंत्री गायत्री प्रजापति, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष जरीना उस्मानी, सदस्य अशोक पांडेय और कुछ पुलिसकर्मियों के द्वारा रची गयी है।
गाजियाबाद की महिला को कठपुतली की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बीच, अमिताभ ठाकुर को ‘भ्रष्टाचार के विरोध’ में कदम उठाने के लिए चर्चा में रहे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका तथा संजीव चतुर्वेदी (आईएफएस) ने टेलीफोन करके ‘नैतिक समर्थन’ दिया है।
अमिताभ की पत्नी नूतन ठाकुर ने रविवार को कहा, 'भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रख्यात दो वरिष्ठ अधिकारियों हरियाणा में तैनात आईएएस अधिकारी अशोक खेमका और एम्स में तैनात संजीव चतुर्वेदी (आईएफएस) ने अमिताभ से फोन पर वार्ता की और कहा कि वह सत्य की इस लड़ाई में हृदय से पूरी तरह उनके साथ हैं।'
बकौल नूतन ठाकुर, अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि दोनों अधिकारियों की हौसला अफजाई पर उन्हें न्याय की लड़ाई लड़ने के लिए जोरदार मानसिक संबल प्राप्त हुआ है।
गोमती नगर के पुलिस क्षेत्राधिकारी यादव को दिये 11 पन्नों के पत्र में ठाकुर ने कहा कि महिला की फर्जी कहानी में अब तक यह भी नहीं बताया गया कि नूतन ठाकुर गाजियाबाद कब गयी थीं, उस महिला से मुलाकात कब और कहां हुई, किस नेता के माध्यम से हुई और उसने नौकरी की बात इतनी आसानी से क्यों स्वीकार कर ली।
प्रार्थना पत्र में उसी महिला की पहले दी गयी तहरीर पर 21 मई 2015 को गोमती नगर के वरिष्ठ उपनिरीक्षक रामराज कुशवाहा की तरफ से सीजेएम कोर्ट लखनऊ में प्रेषित उस आख्या का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें कहा गया है कि महिला के दोनों मोबाइल नंबर 21 दिसंबर 2014 को गोमती नगर क्षेत्र में कही भी स्थित नहीं पाये गये, बल्कि उसकी लोकेशन 10 किलोमीटर नाका हिंडोला अथवा चारबाग में मिली।
आख्या में रेप का आरोप मनगढंत और असत्य बताया गया था। गौरतलब है कि अमिताभ ने एसपी मुखिया मुलायम सिंह यादव पर टेलीफोन पर धमकाने का आरोप लगाते हुए 10 जुलाई को मीडिया को एक टेप जारी किया था।
साथ ही गत 11 जुलाई को उन्होंने यादव के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में मुकदमे के लिये तहरीर भी दी थी और उसी दिन रात गाजियाबाद की एक महिला की तहरीर पर ठाकुर के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कर लिया गया था।
उन्होंने उनके खिलाफ लगे रेप के आरोप की सीबीआई जांच की मांग को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय पहुंच गये थे, जिसके बाद प्रदेश सरकार ने 13 जुलाई को उन्हें अनुशासनहीनता, स्वेच्छाचारिता आदि आरोपों में निलंबित कर दिया था।
ठाकुर ने अपनी सामाजिक गतिविधियों को संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों के अनुरूप बताते हुए कहा कि निलंबन से पहले उनका पक्ष जानने की कोशिश नहीं की गयी। उन्होंने कहा है कि जरूरत पड़ी तो वह इस मामले में अदालत का भी दरवाजा खटखटायेंगे।
महानिरीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारी अमिताभ और उनकी सामाजिक कार्यकर्ता पत्नी नूतन ने रविवार को कहा, 'जिस महिला ने हमारे खिलाफ रेप का आरोप लगाया है, उसे उत्तर प्रदेश के खनन मंत्री गायत्री प्रजापति एक कठपुतली की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं और यह सब एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।'
नूतन ठाकुर अपने पति अमिताभ के साथ उन दोनों के खिलाफ गाजियाबाद की महिला द्वारा दायर प्राथमिकी के सिलसिले में गोमती नगर के पुलिस क्षेत्राधिकारी सत्यसेन यादव के कार्यालय गईं और 11 पन्ने का एक प्रार्थना पत्र दिया।
उन्होंने अपने पत्र में दावा किया है कि उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पूरी तरह से मनगढ़ंत है और एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह साजिश खनन मंत्री गायत्री प्रजापति, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष जरीना उस्मानी, सदस्य अशोक पांडेय और कुछ पुलिसकर्मियों के द्वारा रची गयी है।
गाजियाबाद की महिला को कठपुतली की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बीच, अमिताभ ठाकुर को ‘भ्रष्टाचार के विरोध’ में कदम उठाने के लिए चर्चा में रहे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका तथा संजीव चतुर्वेदी (आईएफएस) ने टेलीफोन करके ‘नैतिक समर्थन’ दिया है।
अमिताभ की पत्नी नूतन ठाकुर ने रविवार को कहा, 'भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रख्यात दो वरिष्ठ अधिकारियों हरियाणा में तैनात आईएएस अधिकारी अशोक खेमका और एम्स में तैनात संजीव चतुर्वेदी (आईएफएस) ने अमिताभ से फोन पर वार्ता की और कहा कि वह सत्य की इस लड़ाई में हृदय से पूरी तरह उनके साथ हैं।'
बकौल नूतन ठाकुर, अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि दोनों अधिकारियों की हौसला अफजाई पर उन्हें न्याय की लड़ाई लड़ने के लिए जोरदार मानसिक संबल प्राप्त हुआ है।
गोमती नगर के पुलिस क्षेत्राधिकारी यादव को दिये 11 पन्नों के पत्र में ठाकुर ने कहा कि महिला की फर्जी कहानी में अब तक यह भी नहीं बताया गया कि नूतन ठाकुर गाजियाबाद कब गयी थीं, उस महिला से मुलाकात कब और कहां हुई, किस नेता के माध्यम से हुई और उसने नौकरी की बात इतनी आसानी से क्यों स्वीकार कर ली।
प्रार्थना पत्र में उसी महिला की पहले दी गयी तहरीर पर 21 मई 2015 को गोमती नगर के वरिष्ठ उपनिरीक्षक रामराज कुशवाहा की तरफ से सीजेएम कोर्ट लखनऊ में प्रेषित उस आख्या का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें कहा गया है कि महिला के दोनों मोबाइल नंबर 21 दिसंबर 2014 को गोमती नगर क्षेत्र में कही भी स्थित नहीं पाये गये, बल्कि उसकी लोकेशन 10 किलोमीटर नाका हिंडोला अथवा चारबाग में मिली।
आख्या में रेप का आरोप मनगढंत और असत्य बताया गया था। गौरतलब है कि अमिताभ ने एसपी मुखिया मुलायम सिंह यादव पर टेलीफोन पर धमकाने का आरोप लगाते हुए 10 जुलाई को मीडिया को एक टेप जारी किया था।
साथ ही गत 11 जुलाई को उन्होंने यादव के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में मुकदमे के लिये तहरीर भी दी थी और उसी दिन रात गाजियाबाद की एक महिला की तहरीर पर ठाकुर के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कर लिया गया था।
उन्होंने उनके खिलाफ लगे रेप के आरोप की सीबीआई जांच की मांग को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय पहुंच गये थे, जिसके बाद प्रदेश सरकार ने 13 जुलाई को उन्हें अनुशासनहीनता, स्वेच्छाचारिता आदि आरोपों में निलंबित कर दिया था।
ठाकुर ने अपनी सामाजिक गतिविधियों को संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों के अनुरूप बताते हुए कहा कि निलंबन से पहले उनका पक्ष जानने की कोशिश नहीं की गयी। उन्होंने कहा है कि जरूरत पड़ी तो वह इस मामले में अदालत का भी दरवाजा खटखटायेंगे।
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