यूपी सरकार ने फसल की बरबादी से मरने वाले किसानों के घर वालों को सात लाख रुपये की मदद देने का ऐलान किया है। गैर-सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 100 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है जिनमें 35 ने खुदकुशी की है। सरकार ने 500 करोड़ की रकम मुआवजे के लिए जारी की है। लेकिन फसलों की बरबादी के सर्वे का काम बहुत सुस्त है।
बहराइच जिले के एक गांव निजामुद्दीनपुर में रहने वाले एक किसान की मौत दिल का दौरा पड़ने की वजह से हो गई। इस किसान की पत्नी जगरानी ने बताया कि चार साल 18 हजार रुपये का कर्ज लिया था और जब इस बार भी बेमौसम बारिश के बाद फसल का जायजा लेने वह खेत पर गए वहीं उनकी मौत हो गई।
फैजाबाद के गुरेठा गांव के किसान शिवकुमार ने अपनी बेटी की शादी तय की थी। वह इंतजार कर रहे थे कि इस बार जब फसल कटेगी तब वह बेचकर बेटी की शादी कर देंगे। लेकिन बारिश और ओलों ने फसल बरबाद कर दी। शिवकुमार इतने दुखी हुए कि खेत में एक पेड़ से फांसी लगा ली।
शिवकुमार की बेटी राधा बताती है कि बारिश के कारण गेहूं एक दम खराब हो गया। यही वजह से पिता काफी दुखी थे। कह रहे थे कि कहां से खिलाऊंगा, कहां से कपड़े पहनाऊंगा। कहां से पैसे लाऊंगा। यही सब सोचते-सोचते चले गए।
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