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This Article is From Mar 23, 2018

राज्‍यसभा चुनाव : यूपी में भाजपा की रणनीति हुई सफल, विपक्ष को मिली निराशा, हारा बसपा का प्रत्‍याशी

अग्रवाल ने द्वितीय वरीयता वाले मतों के आधार पर बाजी मार ली. सपा की जया बच्चन चुनाव जीत गईं, जबकि बसपा के भीमराव अंबेडकर को निराशा हाथ लगी.

राज्‍यसभा चुनाव : यूपी में भाजपा की रणनीति हुई सफल, विपक्ष को मिली निराशा, हारा बसपा का प्रत्‍याशी
राज्‍यसभा चुनाव: यूपी की दसवीं सीट के लिए रोचक हुआ मुकाबला
नई दिल्ली: सत्‍तारूढ़ भाजपा ने विपक्ष के तमाम दावों और मंसूबों को नाकाम करते हुए उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 10 में से नौ सीटों पर कब्‍जा कर लिया. मतगणना के देर रात तक घोषित नतीजों में भाजपा के अरुण जेटली, डॉक्‍टर अशोक बाजपेयी, विजयपाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, कांता कर्दम, डॉक्‍टर अनिल जैन, जीवीएल नरसिम्हा राव, हरनाथ सिंह यादव तथा अनिल कुमार अग्रवाल विजयी करार दिए गए. अग्रवाल ने द्वितीय वरीयता वाले मतों के आधार पर बाजी मार ली. सपा की जया बच्चन चुनाव जीत गईं, जबकि बसपा के भीमराव अंबेडकर को निराशा हाथ लगी.

यह चुनाव आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सूबे की दो बड़ी सियासी ताकतों सपा और बसपा के गठबंधन की संभावनाओं के लिहाज से निर्णायक माना जा रहा था. हालांकि बसपा के विधायक अनिल सिंह ने ही भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की. कांग्रेस विधायक नरेश सैनी के भी भाजपा को वोट देने की खबर आई थी, लेकिन उन्होंने मीडिया के सामने आकर इसका खंडन किया. इसके पूर्व, बसपा और सपा की शिकायत पर निर्वाचन आयोग ने भाजपा और बसपा के एक-एक वोट को निरस्‍त कर दिया था.

बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने बताया कि उन्होंने निर्वाचन आयोग से शिकायत की है कि बसपा के विधायक अनिल सिंह ने अपना वोट देने से पहले पार्टी के एजेंट को नहीं दिखाया, लिहाजा उनका वोट निरस्‍त किया जाए. समाजवादी पार्टी ने भी अपने विधायक नितिन अग्रवाल के संबंध में ऐसी ही शिकायत की जिनके पिता नरेश अग्रवाल हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं. सपा के विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह साजन ने बताया कि नितिन अग्रवाल ने सपा के एजेंट को दिखाएं बगैर मतदान किया है लिहाजा उनका वोट निरस्त किया जाए.

जेल में बंद बाहुबली बसपा विधायक मुख्तार अंसारी के वोट देने पर कल लगी उच्च न्यायालय की रोक और कारागार में निरुद्ध सपा विधायक हरिओम यादव की राज्यसभा चुनाव में वोट डालने की अनुमति सम्बन्धी याचिका को अपर सत्र न्यायालय द्वारा कल खारिज किये जाने से ही विपक्ष को करारा झटका लगा था. उत्तर प्रदेश में राज्यसभा में एक उम्मीदवार को जिताने के लिए 37 प्रथम वरीयता के वोट मिलना जरूरी था. प्रदेश की 403 सदस्‍यीय विधानसभा में 324 विधायकों के संख्याबल के आधार पर आठ सीटें आराम से जीत सकने वाली भाजपा ने 10 सीटों के लिये 9 प्रत्याशी उतारे थे.

सपा के पास 47 सदस्य हैं. उसके पास अपनी उम्मीदवार जया बच्चन को चुनाव जिताने के बाद तकनीकी रूप से 10 वोट बचते थे. मगर नितिन अग्रवाल के भाजपा को वोट देने और जेल में बंद विधायक हरिओम के वोट ना दे पाने के बाद उसके पास आठ वोट ही बचे थे. अनिल सिंह के भाजपा को वोट देने के बाद बसपा के पास 17 वोट बचे थे, जबकि कांग्रेस के पास सात और राष्ट्रीय लोकदल के पास एक वोट था. इस तरह यह आंकड़ा 33 का बैठता था. इस तरह बसपा प्रत्याशी को जिताने के लिए चार और मतों की जरूरत थी.

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