पिछले अगस्त में स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी में शामिल हुए थे.
लखनऊ:
चुनावी सीजन आने के साथ ही नेताओं के पाला बदलने का दौर भी शुरू हो गया है. कई नेता तो ऐसे हैं जो टिकट के चक्कर में एक पार्टी से दूसरी और और वहां से तीसरी में जाने की तैयारी कर रहे हैं. इसी कड़ी में नया नाम यूपी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का है. उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि टिकट वितरण से नाराज स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम सकते हैं. यह इसलिए भी अहम है क्योंकि कुछ समय पहले ही वह बसपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे.
इस संबंध में NDTV से बात करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने स्वीकार किया कि वह अखिलेश यादव के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा,''मैंने मुख्यमंत्री को जीत(सपा का सिंबल साइकिल अखिलेश यादव को मिलने पर) पर बधाई दी है. वह युवा और ऊर्जावान नेता होने के साथ बहुत अच्छे इंसान हैं. हमारे निजी संबंध बहुत प्रगाढ़ हैं.''
बीजेपी से नाराजगी के मसले पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ''मेरे समुदाय के जो समर्थक साथ में बीएसपी से आए थे, उनको टिकट दिलाने की कोशिश कर रहा हूं...कार्यकर्ता कभी खुश होते हैं कभी दुखी...कभी नाराज होते हैं...ये वक्त-वक्त की बात है. अभी वक्त न तो खुश होने का है और न ही मायूस होने का. मैं अभी भी पार्टी में अपना हिस्सा मांग रहा हूं.''
माना जाता है कि ओबीसी तबके के मौर्य, कुशवाहा, सैनी और शाक्य समुदायों में स्वामी प्रसाद मौर्य का अच्छा प्रभाव है. पिछले साल बसपा सुप्रीमो मायावती पर टिकटों को बेचने का आरोप लगाते हुए उन्होंने पार्टी छोड़ थी. वह उस वक्त राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे. उसके बाद आठ अगस्त को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में दिल्ली में भाजपा में शामिल हुए थे.
इस संबंध में NDTV से बात करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने स्वीकार किया कि वह अखिलेश यादव के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा,''मैंने मुख्यमंत्री को जीत(सपा का सिंबल साइकिल अखिलेश यादव को मिलने पर) पर बधाई दी है. वह युवा और ऊर्जावान नेता होने के साथ बहुत अच्छे इंसान हैं. हमारे निजी संबंध बहुत प्रगाढ़ हैं.''
बीजेपी से नाराजगी के मसले पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ''मेरे समुदाय के जो समर्थक साथ में बीएसपी से आए थे, उनको टिकट दिलाने की कोशिश कर रहा हूं...कार्यकर्ता कभी खुश होते हैं कभी दुखी...कभी नाराज होते हैं...ये वक्त-वक्त की बात है. अभी वक्त न तो खुश होने का है और न ही मायूस होने का. मैं अभी भी पार्टी में अपना हिस्सा मांग रहा हूं.''
माना जाता है कि ओबीसी तबके के मौर्य, कुशवाहा, सैनी और शाक्य समुदायों में स्वामी प्रसाद मौर्य का अच्छा प्रभाव है. पिछले साल बसपा सुप्रीमो मायावती पर टिकटों को बेचने का आरोप लगाते हुए उन्होंने पार्टी छोड़ थी. वह उस वक्त राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे. उसके बाद आठ अगस्त को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में दिल्ली में भाजपा में शामिल हुए थे.
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