यूपी विधानसभा चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से रालोद प्रमुख जयंत चौधरी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक साथ चुनाव लड़ा था. फिर भी चुनाव के नतीजे इनके पक्ष में नहीं रहे. क्या कारण रहा कि पश्चिमी यूपी में सपा और लोकदल के गठबंधन को लोगों ने पसंद नहीं किया और बीजेपी को ये हरा नहीं पाए .. इन सब सवालों के जवाब रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने NDTV के संवाददाता सौरभ शुक्ला को दिए हैं. सौरभ शुक्ला को दिए Exclusive इंटरव्यू में जयंत चौधरी ने कहा कि जहां दंगों का सबसे ज़्यादा असर था. वहां हमने बीजेपी को हरा दिया है. मुज़फ़्फ़रनगर, शामली, मेरठ हमने बीजेपी को हराया है. ये लोग कैराना में पलायन का मुद्दा लेकर आए थे और वहां हमने बीजेपी को हराया.
जयंत चौधरी ने आगे कहा कि संगीत सोम, उमेश मलिक, सुरेश राणा सब चुनाव हार गए हैं. चुनाव में 80 बनाम 20 नहीं हुआ. हम मानते हैं कि हम अपनी बात जनता तक नहीं पहुंचा पाए. किसान आंदोलन का भी असर देखने को मिला. बहुत सी सीटों पर हम 500 से भी कम वोटों से हारे पर हम ब्रज और ग़ाज़ियाबाद की पूरी बेल्ट में हार गए.
जयंत चौधरी के मुताबिक बसपा का चुनाव नहीं लड़ पाना भी हार की वजह रहा है. उन्होंने कहा कि हमने इस चुनाव से बहुत कुछ सीखा है. मैं आपसे कह रहा हूं कि लोकसभा चुनाव भी मैं और अखिलेश जी साथ लड़ेंगे. लोग बीजेपी से नाराज थे पर वोट खिलाफ नहीं दिया है. हम विपक्ष में रह कर लोगों के मुद्दे उठाएंगे. हम बीजेपी को 80 बनाम 20 नहीं करने देंगे.
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