विज्ञापन
This Article is From Mar 08, 2022

यूपी चुनाव : विपक्षी पार्टियां किस तरह बीजेपी के लिए साबित हो रहीं मददगार...

महत्‍वपूर्ण सवाल यह है कि वोट में स्विंग और IOU में बदलाव कैसे अतिरिक्‍त सीटों में जीत दिलाता है.

यूपी चुनाव : विपक्षी पार्टियां किस तरह बीजेपी के लिए साबित हो रहीं मददगार...
UP polls 2022 :यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को घोषित होंगे
नई दिल्‍ली:

ज्‍यादातर सर्वेक्षणकर्ता और विश्‍लेषक यह जानने के लिए कि कौन सी पार्टी सबसे अधिक संख्‍या में सीट जीतेगी, पार्टियों के लोकप्रिय वोट के प्रतिशत को मापते हैं. हालांकि इस आकलन में एक दूसरा महत्‍वपूर्ण फैक्‍टर छूट जाता है जो चुनाव के परिणाम को प्रभावित करता है. यह पहलू-विपक्षी पार्टियों का बिखराव और अंतिम परिणाम में इसका प्रभाव- भी भारतीय चुनाव के परिप्रेक्ष्‍य में उतना ही महत्‍वपूर्ण है   सालों से विपक्षी एकता के इंडेक्‍स (IOU) का उपयोग विपक्ष के वोटों के बिखराव के स्‍तर को जानने के लिए किया जाता है. दूसरे शब्‍दों में कहें तो यदि विपक्ष एकजुट है तो  IOU 100 होगा. विपक्ष में जितना ज्‍यादा बिखराव या विभाजन होगा, IOU उतना ही नीचे होगा. IOU का 50 का स्‍कोर विभाजित विपक्ष को दर्शाता है. मौजूदा संदर्भ में देखा जाए तो भारत के चुनाव के लिए IOU, 78 था जबकि वर्ष  2017 के यूपी विधानसभा चुनाव के लिए यह  53 था. 

महत्‍वपूर्ण सवाल यह है कि वोट में स्विंग और IOU में बदलाव कैसे अतिरिक्‍त सीटों में जीत दिलाता है. यूपी की 403 सीटों में यदि एक फीसदी वोट का स्विंग आए तो 20 सीटों में बदलाव होता है जबकि सीटों की संख्‍या में इसी तरह के बदलाव के लिए IOU को 5 प्रतिशत बदलना होगा (देखें Figure 1). हालांकि IOU को 5  प्रतिशत बढ़ाना, वोट में एक फीसदी के स्विंग लाने से ज्‍यादा आसान है. 

emn66pvo

Figure 1

यूपी में IOU का क्‍या प्रभाव है? यदि बीजेपी के वोट वर्ष 2017 के चुनाव के 42% के स्‍तर पर ही स्थिर रहते हैं तो विपक्ष के कितने वोटों को, उदाहरण के तौर पर यदि समाजवादी पार्टी को जीतना है, एक साथ आना पड़ेगा (देखें Figure 2).

k0rhr1gg

Figure 2

यूपी में IOU को यहां के अपेक्षाकृत कम स्‍तर 53 से भारत के औसत स्‍तर 78 तक पहुंचाना भले ही आसान लगे लेकिन यूपी के विपक्ष के लिए यह काम मुश्किल भरा है. यूपी में विपक्ष अपने आत्‍मविनाश के लिए जाना जाता है और यहां, 'मेरा मौजूदा दुश्‍मन, मेरे सबसे बड़े दुश्‍मन का दुश्‍मन है' की आम धारणा है.   


यदि IOU नहीं बढ़ता है तो बीजेपी अपने 7.5% फीसदी तक के वोट का नुकसान भी झेल सकती है (अर्थात एक ऐसा स्विंग जो उसके वर्तमान वोट प्रतिशत को 42 से घटाकर 34.5% कर देता है) जो कि यूपी जैसे राज्‍य के लिहाज से असंभव नहीं है लेकिन ज्‍यादातर विशेषज्ञ इसकी संभावना नहीं के बराबर मानते हैं.  वास्‍तविकता में अंतिम परिणाम हमेशा IOU के बदलाव और वोट के स्विंग का कांबिनेशन होता है. साफ तौर पर बीजेपी का ठोस वोट आधार उसे जीत के लिहाज से पसंदीदा बनाता है लेकिन IOU में कितनी बढ़ोत्‍तरी और वोट में स्विंग, बीजेपी की हार का कारण बन सकता है? (देखें Figure 3 & 3a)

ea70fuo

Figure 3

li14i59

Figure 3a

क्‍या यह संभव है कि बीजेपी, 200 सीटों के आंकड़े से भी नीचे जा सकती है?  लेकिन IOU में कितनी बढ़ोत्‍तरी और वोट में स्विंग, बीजेपी के लिए 175 सीटों का कारण बन सकता है (देखें Figure 4)

ncbf3n7g

Figure 4

इस लेख का उद्देश्‍य चुनावों के सबसे संभावित परिणाम का अनुमान लगाना  नहीं है लेकिन यह बताना है कि केवल वोटों का स्विंग नहीं बल्कि IOU फैक्‍टर भी भारतीय चुनावों के लिहाज से महत्‍वपूर्ण है. 
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com