कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने अब प्रत्येक शनिवार और रविवार को प्रदेश में लॉकडाउन (कोरोना कर्फ्यू) लगाने का फैसला लिया है. इसके पहले 15 मई तक पूरे प्रदेश में रविवार को साप्ताहिक पूर्ण बंदी घोषित की गई थी, जिसमें शनिवार रात आठ बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक 35 घंटे का कोरोना कर्फ्यू लागू करने का आदेश दिया गया था. नये आदेश के अनुसार, अब शुक्रवार रात आठ बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक कोरोना कर्फ्यू लागू होगा.
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 के अधिकारियों से कहा कि कोविड-19 की इस विभीषिका के बीच संयम और धैर्य हमारा सबसे बड़ा हथियार है. उन्होंने कहा कि अब प्रत्येक शनिवार और रविवार को प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू प्रभावी रहेगा. इसके अलावा जिन जिलों में 500 से अधिक उपचाराधीन मरीज हैं, वहां हर दिन रात आठ बजे से अगले दिन सुबह सात बजे तक आवश्यक सेवाओं को छोड़कर शेष गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी.
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई है लॉकडाउन के आदेश पर अंतरिम रोक
बता दें कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर राज्य के पांच प्रमुख शहरों में संपूर्ण लॉकडाउन लगाने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सोमवार के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने देर रात स्पष्ट किया कि वह फिलहाल पूर्ण लॉकडाउन लगाने पर विचार नहीं कर रही है. वहीं, उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार को लॉकडाउन लगाने के उच्च न्यायालय के फैसले पर राहत दे दी है.
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राज्य सरकार के प्रवक्ता ने सोमवार देर रात बताया था, ‘प्रदेश सरकार जीवन और जीविका, दोनों को बचाने के लिए कृत संकल्प है. राज्य सरकार ने उपचार के साथ-साथ जो सख्त कदम उठाए हैं, उससे कोविड-19 के रोकथाम में मदद मिलेगी. इसके दृष्टिगत, प्रदेश सरकार फिलहाल पूर्ण लॉकडाउन लगाने पर विचार नहीं कर रही.'
बता दें कि उत्तर प्रदेश में संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को प्रदेश सरकार को राज्य के सबसे अधिक प्रभावित पांच शहरों- प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर और गोरखपुर में आगामी 26 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन लगाने का निर्देश दिया था. मंगलवार को जारी बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने टीम-11 से कहा कि कोरोना कर्फ्यू को सफल बनाने में हर नागरिक का योगदान आवश्यक है और जहां तक जरूरी हो, घर से बाहर ना निकलें, पर्व-त्योहार घर पर ही मनाएं और अगर निकलें तो मास्क जरूर लगाएं.
वैक्सीनेशन और सीमावर्ती जिलों में सतर्कता पर जोर
महाराष्ट्र, राजस्थान और दिल्ली से प्रवासी जनों की वापसी के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने सीमावर्ती जिलों में विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि उनके सुगमता पूर्ण आवागमन की व्यवस्था की जाए. गृह विभाग और परिवहन विभाग समन्वय बनाकर आवश्यक कार्यवाही करें और उनकी जांच और आवश्यकतानुसार उपचार की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए.
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उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 से सुरक्षित रहने में टीकाकरण सर्वाधिक कारगर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मई से सभी वयस्कों (18 साल से अधिक आयु वाले) के टीकाकरण की व्यवस्था लागू की है. उनका यह निर्णय स्वागत योग्य है. टीकाकरण का यह नया चरण कोविड के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक सिद्ध होगा.'
उन्होंने कहा कि लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, वाराणसी, झांसी, गोरखपुर, मेरठ जनपदों सहित प्रदेश के सभी जिलों में कोविड-19 बेड की संख्या को दोगुना करने की आवश्यकता है और फौरी तौर पर सभी जिलों में 200-200 बेड का विस्तार किया जाए.
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि सार्वजनिक आयोजन में खुले स्थान पर अधिकतम 100 व्यक्ति तथा बन्द स्थान पर अधिकतम 50 व्यक्तियों की सीमा तथा पूर्ण कोविड प्रोटोकॉल के पालन के साथ इजाजत दी गई है. किसी भी धार्मिक स्थल में एक समय में पांच से अधिक लोगों की मौजूदगी पर पाबंदी लगाई गई है. रेलवे स्टेशन, बस अड्डों तथा हवाईअड्डे पर लोगों की इंफ्रारेड थर्मामीटर तथा पल्स ऑक्सीमीटर से स्क्रीनिंग तथा लक्षण के आधार पर टेस्टिंग प्रभावी ढंग से जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं.
प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार ‘टेस्ट, ट्रेस, ट्रीट' के लक्ष्य के साथ कोविड-19 पर नियंत्रण के प्रभावी प्रयास कर रही है. उपचार व्यवस्था को सुदृढ़ रखने के लिए प्रदेश सरकार युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है. इन तमाम प्रयासों के मद्देनजर संपूर्ण लॉकडाउन पर सरकार फिलहाल विचार नहीं कर रही है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं