लखनऊ:
उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र की शुरुआत आज विपक्षी दलों के हंगामे और नारेबाजी के साथ हुई और राज्यपाल बीएल जोशी अपने अभिभाषण का प्रतीक पाठ ही कर सके। इसी के चलते विधानसभा स्थगित करनी पड़ी।
दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में राज्यपाल के पहुंचने के साथ ही मुख्य विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी सदस्य सिर पर सरकार विरोधी नारे लिखी टोपी लगाकर सदन के बीचोबीच आ गए और ‘राज्यपाल वापस जाओ’ का नारा लगाते हुए उन्होंने सत्र के पहले ही दिन सपा सरकार की बर्खास्तगी की मांग कर डाली।
‘हत्या, लूट, बलात्कार, बर्खास्त करो सपा सरकार’, ‘बना स्थानांतरण अब व्यापार’ के नारे लगा रहे बसपा सदस्यों ने सरकार विरोधी नारे लिखे बैनर और पोस्टर लहराए। उन्होंने राज्यपाल की ओर कागज के गोले बनाकर भी उछाले।
हंगामे के बीच राज्यपाल अपने अभिभाषण का पहला और आखिरी पैराग्राफ पढ़कर सदन से चले गए जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर साढ़े 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
भाजपा और कांग्रेस के सदस्य भी अपने-अपने स्थानों पर खड़े थे। कांग्रेस सदस्य हाथों में ‘कानून व्यवस्था ध्वस्त है, सरकार की आंख बंद है’ का नारा लिखे पोस्टर लिए थे।
दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में राज्यपाल के पहुंचने के साथ ही मुख्य विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी सदस्य सिर पर सरकार विरोधी नारे लिखी टोपी लगाकर सदन के बीचोबीच आ गए और ‘राज्यपाल वापस जाओ’ का नारा लगाते हुए उन्होंने सत्र के पहले ही दिन सपा सरकार की बर्खास्तगी की मांग कर डाली।
‘हत्या, लूट, बलात्कार, बर्खास्त करो सपा सरकार’, ‘बना स्थानांतरण अब व्यापार’ के नारे लगा रहे बसपा सदस्यों ने सरकार विरोधी नारे लिखे बैनर और पोस्टर लहराए। उन्होंने राज्यपाल की ओर कागज के गोले बनाकर भी उछाले।
हंगामे के बीच राज्यपाल अपने अभिभाषण का पहला और आखिरी पैराग्राफ पढ़कर सदन से चले गए जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर साढ़े 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
भाजपा और कांग्रेस के सदस्य भी अपने-अपने स्थानों पर खड़े थे। कांग्रेस सदस्य हाथों में ‘कानून व्यवस्था ध्वस्त है, सरकार की आंख बंद है’ का नारा लिखे पोस्टर लिए थे।
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