उन्नाव रेप मामले में दोषी कुलदीप सिंह सेंगर की सज़ा के बिंदु पर आज फैसला हो सकता है. दिल्ली की तीस हज़ारी कोर्ट ने पूर्व बीजेपी विधायक को दोषी ठहराया था. चार्जशीट दायर करने में देरी पर सीबीआई को भी फटकार लगाई थी. कुलदीप सिंह सेंगर को रेप(376) और पॉक्सो एक्ट में दोषी ठहराया है. अभी 3 और मामलों में दिल्ली की विशेष सीबीआई कोर्ट में ट्रायल चल रहा है. कोर्ट ने कहा कि पीड़िता वारदात के वक्त नाबालिग थी. उसके साथ सेक्सुअल असॉल्ट हुआ. पीड़िता डरी हुई थी और उसके परिवार को जान का खतरा था. वो पावरफुल पर्सन से लड़ रही थी. पीड़ित के परिवार पर फर्जी केस लगाए गए. सीबीआई ने गैंगरेप केस में चार्जशीट पेश करने में 1 साल लगा दिया. सीबीआई पर भी जज ने सवाल खड़े किए. सीबीआई ने पीड़िता को बयान दर्ज करने के लिए कई बार बुलाया, जबकि सीबीआई को पीड़िता के पास जाना चाहिए था.
उन्नाव रेप केस में अब तक क्या हुआ
दिल्ली अदालत ने सोमवार को उन्नाव बलात्कार मामले में भाजपा नेता कुलदीप सिंह सेंगर को नाबालिग लड़की से बलात्कार करने का दोषी करार दिया.
4 जून, 2017: 17 वर्षीय नाबालिग लड़की का भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने कथित तौर पर बलात्कार किया.
3 अप्रैल,2018: बलात्कार पीड़िता के पिता पर कुछ लोगों ने मारपीट कर जानलेवा हमला किया। पीड़िता के पिता के खिलाफ हथियार अधिनियम की संगीन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया.
8 अप्रैल, 2018: बलात्कार पीड़िता ने पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की.
9 अप्रैल 2018: बलात्कार पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई.
10 अप्रैल 2018: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बलात्कार का मामला सीबीआई को सौंपा.
13 अप्रैल 2018: कुलदीप सेंगर को गिरफ्तार कर लिया गया.
11 जुलाई: सीबीआई ने बलात्कार मामले में चार्जशीट दायर की.
17 जुलाई: बलात्कार पीड़िता और उसके परिवार ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को सेंगर और उसके लोगों से कथित तौर पर खतरे के बारे में पत्र लिखा.
28 जुलाई: रायबरेली के गुरुबख्शगंज थाना क्षेत्र में ट्रक व कार की टक्कर में पीड़ित की चाची और मौसी की मौत। पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हुए.
29 जुलाई: रायबरेली के गुरुबख्शगंज पुलिस थाने में सड़क दुर्घटना मामले में कुलदीप सिंह सेंगर और नौ अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज
30 जुलाई: बलात्कार पीड़िता का चीफ जस्टिस को लिखा पत्र सामने आया.
31 जुलाई: उच्चतम न्यायालय ने पीड़ित के पत्र पर संज्ञान लिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के महासचिव को देरी पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया.
1 अगस्त: उच्चतम न्यायालय ने बलात्कार के पांच मामलों को दिल्ली स्थानांतरित किया और 45 दिनों में सुनवाई खत्म करने का आदेश दिया.
5 अगस्त: तीस हजारी अदालत में मामले की रोजाना सुनवाई शुरू.
बलात्कार पीड़िता को लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कालेज से विमान द्वारा एम्स के ट्रामा सेंटर स्थानांतरित किया गया.
9 अगस्त: अदालत ने आरोपी सेंगर और सह आरोपी शशि सिंह के खिलाफ आरोप तय किए.
11 सितंबर: बलात्कार पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स में विशेष अस्थायी अदालत की व्यवस्था की गई.
25 सितंबर: बलात्कार पीड़िता को एम्स से छुट्टी मिल गई.
6 दिसंबर: निचली अदालत के आदेश पर दिल्ली महिला आयोग ने बलात्कार पीड़िता को दिल्ली में किराए पर आवास प्रदान किया.
10 दिसंबर: अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया.
16 दिसंबर: दिल्ली अदालत ने आरोपी कुलदीप सेंगर को नाबालिग लड़की से बलात्कार का दोषी करार दिया. सह आरोपी शशि सिंह को मामले से बरी कर दिया गया. (इनपुट : भाषा से भी)