
उन्नाव बलात्कार पीड़िता के साथ हुई सड़क दुर्घटना में मामले में दर्ज प्राथमिकी में नामजद अरुण सिंह ने बुधवार को कहा कि उसे इस मामले में फंसाया गया है और इसके पीछे राजनीतिक साजिश है. अरुण सिंह उत्तर प्रदेश के एक मंत्री के दामाद हैं. सीबीआई ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता (Unnao Rape Case) के सड़क दुर्घटना मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और नौ अन्य के खिलाफ हत्या के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है. मामले की जांच करने के लिए एजेंसी की तरफ से गठित विशेष टीम रायबरेली जिले के गुरबख्शगंज इलाके में हादसा स्थल पर पहुंची. सेंगर के अलावा दुर्घटना मामले में जिन लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है, उनमें उनके भाई मनोज सिंह सेंगर, अरुण सिंह, विनोद मिश्रा, हरी पाल सिंह, नवीन सिंह, कोमल सिंह, ज्ञानेन्द्र सिंह, रिंकू सिंह, वकील अवधेश सिंह और 15 से 20 अज्ञात व्यक्ति हैं. अरुण सिंह इस समय अमरनाथ यात्रा पर है. उसने माना कि वह यूपी के कृषि, कृषि शिक्षा और अनुसंधान राज्य मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह (धुन्नी सिंह) के दामाद हैं. सिंह ने खुद को बेगुनाह बताया.
सिंह ने फोन पर बताया कि 'यह मुझे फंसाने की नीयत से किया गया है. मेरी लोकेशन ले ली जाये, मेरा नार्को टेस्ट करवा लिया जाये, मेरा पिछले छह माह का ट्रैक रिकार्ड लिया जाये. कहीं कोई कनेक्शन आता हो तो बतायें. मुझे विश्वास है कि मेरा दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है. मैं सीबीआई को पूरा सहयोग करूंगा. जो भी जांच एजेंसी होगी, मेरी जांच होनी चाहिये, मैं खुद इंसाफ मांग रहा हूं.' उन्होंने कहा कि 'मुझे साजिशन फंसाया जा रहा है, मैं अपराधी नही हूं, मेरे ऊपर एक भी पुराना आपराधिक मामला नहीं है.'
सिंह ने कहा कि 'मैंने प्रखंड प्रमुख के चुनाव में अवधेश सिंह को हराया था. वह मेरे खिलाफ राजनीतिक रंजिश रखते हैं. उन्होंने पीड़िता के चाचा और उसके परिवार को गुमराह करने का प्रयास किया है. मेरी सांत्वना पीड़ित बच्ची के साथ है. मैं नवाबगंज का ब्लाक प्रमुख हूं. मैंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई, जिसकी वजह से लोग आठ-आठ महीने के लिये जेल गये इसलिये उनका प्रयास है कि अरुण सिंह फंसे. धुन्नी सिंह मेरे ससुर है 2009 में मेरी शादी हुई थी, क्या किसी का दामाद होना अपराध है मैं अपराधी हूं क्या?'
मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी सिंह ने बुधवार को माना कि उनके रिश्तेदार का नाम उन्नाव बलात्कार (Unnao Rape Case) पीड़िता के साथ हुई सड़क दुर्घटना में शामिल है. उन्होंने कहा कि 'सीबीआई मामले की जांच कर रही है और मैं समझता हूं कि उससे बड़ी कोई जांच नहीं है और वह जब जांच कर रही है तो खुद साफ हो जायेगा और सत्य सामने आ जायेगा..'
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गौरतलब है कि गैंगरेप पीड़िता, उसकी चाची और मौसी अपने वकील महेंद्र के साथ रायबरेली जेल में बंद अपने रिश्तेदार से रविवार को मुलाकात करने जा रही थी. रास्ते में रायबरेली के गुरबख्श गंज क्षेत्र में उनकी कार और एक ट्रक के बीच संदिग्ध परिस्थितियों में टक्कर हो गयी थी. इस हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी ने दम तोड़ दिया. केंद्र ने उत्तर प्रदेश सरकार की सिफारिश पर मंगलवार को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी.
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