केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि कानून और राजनीति की दुनिया को साथ लेकर चलना आसान नहीं है. हालांकि वह सुनिश्चित करते हैं कि संसद उनकी पहली प्राथमिकता बनी रहे. केंद्रीय मंत्री का कहना है कि वह तीन 'P'.पार्लियामेंट, पार्टी और प्रोफेशन (संसद, पार्टी और पेशे) पर फोकस करते हैं. उन्होंने शनिवार को यहां एक पुस्तक के विमोचन के दौरान कहा, लेकिन संसद सबसे पहले आती है.
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'कानून को बहुत वक्त चाहिए'
प्रसाद ने कहा, 'राजनीति में मौजूद वकील को एक साथ कई काम करने होते हैं. कानून को बहुत वक्त चाहिए, सार्वजनिक जीवन को भी चाहिए'. वकील श्वेता बंसल की पुस्तक 'कोर्टिंग पॉलिटिक्स' में 9 वकीलों-सह-नेताओं रविशंकर प्रसाद, अरुण जेटली, राम जेठमलानी, शांति भूषण, पी. चिदंबरम, कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद, मुजफ्फर हुसैन बेग और अभिषेक मनु सिंघवी की जिंदगी का जिक्र है. पुस्तक को ईस्टर्न बुक कंपनी ने प्रकाशित किया है. पुस्तक विमोचन के बाद पैनल वार्ता हुई. इसमें वकील-सह-नेताओं ने कानून और राजनीति का मुद्दा उठाया. पूर्व विधि मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि कानून और समाज दोनों एक गति से नहीं चले, क्योंकि कानून अपनी जगह पर 'स्थिर' बना रहा, जबकि समाज आगे निकल गया.
इनपुट : भाषा
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'कानून को बहुत वक्त चाहिए'
प्रसाद ने कहा, 'राजनीति में मौजूद वकील को एक साथ कई काम करने होते हैं. कानून को बहुत वक्त चाहिए, सार्वजनिक जीवन को भी चाहिए'. वकील श्वेता बंसल की पुस्तक 'कोर्टिंग पॉलिटिक्स' में 9 वकीलों-सह-नेताओं रविशंकर प्रसाद, अरुण जेटली, राम जेठमलानी, शांति भूषण, पी. चिदंबरम, कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद, मुजफ्फर हुसैन बेग और अभिषेक मनु सिंघवी की जिंदगी का जिक्र है. पुस्तक को ईस्टर्न बुक कंपनी ने प्रकाशित किया है. पुस्तक विमोचन के बाद पैनल वार्ता हुई. इसमें वकील-सह-नेताओं ने कानून और राजनीति का मुद्दा उठाया. पूर्व विधि मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि कानून और समाज दोनों एक गति से नहीं चले, क्योंकि कानून अपनी जगह पर 'स्थिर' बना रहा, जबकि समाज आगे निकल गया.
इनपुट : भाषा
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