केंद्र सरकार में मंत्री हैं अर्जुन राम मेघवाल
नई दिल्ली:
गो-तस्करी के शक में अलवर एक बार फिर शख्स की पीट-पीट कर की गई हत्या के मामले में केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने अजीब बयान दिया है. उनका कहना है कि जैसे-जैसे मोदी की लोकप्रियता बढ़ती जायेगी, ऐसी घटनाएं और होंगी. मेघवाल ने कहा है कि वह इस घटना की निंदा करते हैं लेकिन यह सिर्फ अकेली घटना नहीं है. हमें इसके इतिहास में जाना होगा. यह क्यों हो रहा है? कौन इसे रोकेगा? 1984 का सिख दंगा इतिहास की सबसे बड़ी 'मॉब लिंचिग' थी. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे मोदी जी लोकप्रिय होते जायेंगे ऐसी घटनाएं बढ़ेंगी. उन्होंने शक जताते हुये कहा कि बिहार में चुनाव के समय 'पुरस्कार वापसी', यूपी चुनाव में 'मॉब लिचिंग' और 2019 में कुछ और होगा. केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि मोदी जी की ओर से शुरू की गई योजनाओं का असर दिख रहा है और यही इसका रिएक्शन है. वहीं राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा है कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
परिवार की गुजर-बसर और इंसाफ के लिए संघर्ष कर रहा पहलू खान का बेटा
गौरतलब है कि अलवर जिले के रामगढ़ में गो-तस्करी के शक में व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. मृतक का नाम अकबर था. अकबर और असलम गाय लेकर जा रहे थे, तभी भीड़ ने उन पर हमला कर दिया, जिसमें अकबर की मौत हो गई. यह घटना शुक्रवार रात की है और इस मामले की जांच की जा रही है.
(अलवर में हुई घटना के बाद जांच में जुटी पुलिस)
प्राइम टाइम : कौन और क्यों उकसा रहा है इस भीड़ को?
बताया जा रहा है कि मृतक अकबर का साथी असलम किसी तरह भीड़ से बचकर भागने में कामयाब रहा. वे दोनों हरियाणा के मेव मुस्लिम बताए जा रहे हैं. हैरान करने वाली बात है कि यह मामला ऐसा वक्त में आया है जब राजस्थान सरकार कह रही है कि मॉब लिंचिंग के लिए अलग से हमें किसी कानून की जरूरत नहीं है.
परिवार की गुजर-बसर और इंसाफ के लिए संघर्ष कर रहा पहलू खान का बेटा
गौरतलब है कि अलवर जिले के रामगढ़ में गो-तस्करी के शक में व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. मृतक का नाम अकबर था. अकबर और असलम गाय लेकर जा रहे थे, तभी भीड़ ने उन पर हमला कर दिया, जिसमें अकबर की मौत हो गई. यह घटना शुक्रवार रात की है और इस मामले की जांच की जा रही है.
(अलवर में हुई घटना के बाद जांच में जुटी पुलिस)
प्राइम टाइम : कौन और क्यों उकसा रहा है इस भीड़ को?
बताया जा रहा है कि मृतक अकबर का साथी असलम किसी तरह भीड़ से बचकर भागने में कामयाब रहा. वे दोनों हरियाणा के मेव मुस्लिम बताए जा रहे हैं. हैरान करने वाली बात है कि यह मामला ऐसा वक्त में आया है जब राजस्थान सरकार कह रही है कि मॉब लिंचिंग के लिए अलग से हमें किसी कानून की जरूरत नहीं है.
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