यह ख़बर 15 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

यूपी कैबिनेट : बेरोजगारी भत्ता, टैबलेट देने का फैसला

खास बातें

  • उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कैबिनेट में बेरोजगारों के एक हजार रुपये प्रतिमाह दिए के फैसले पर मुहर लगा दी गई है। इसके अलावा10वीं के छात्रों को टैबलेट दिए जाने पर भी फैसला ले लिया गया है।
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में सत्तासीन होने के चंद घंटे बाद अखिलेश यादव नीत समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार ने अपने कई अहम चुनावी वादों को मूर्तरूप देने की कवायद शुरू कर दी है और मंत्रिपरिषद ने गुरुवार को अपनी पहली बैठक में ही इनके क्रियान्वयन को हरी झंडी दे दी।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये जिसमें बेरोजगारी भत्ता देने, हाईस्कूल तथा इंटरमीडियट पास विद्यार्थियों को क्रमश: टैबलेट कम्प्यूटर और लैपटाप देने के निर्णय शामिल हैं।

राज्य के मुख्य सचिव अनूप मिश्र ने मंत्रिपरिषद की बैठक में लिये गये फैसलों की जानकारी देते हुए संवाददाताओं को बताया कि सरकार ने इस साल से मदरसों, संस्कृत पाठशालाओं, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद, आईसीएसई, सीबीएसई से हाईस्कूल पास करने वाले विद्यार्थियों को टैबलेट कम्प्यूटर तथा इंटरमीडियट पास करने वाले बच्चों को लैपटाप देने के फैसले पर मुहर लगा दी है।

उन्होंने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक करीब 25 लाख लैपटाप वितरित करने की आवश्यकता होगी और इतनी ही संख्या में टैबलेट कम्प्यूटर भी बांटे जाएंगे। इन दोनों पर करीब तीन हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।

मिश्र ने बताया कि सरकार ने प्रदेश में 35 वर्ष से अधिक उम्र के करीब नौ लाख पंजीकृत बेरोजगारों को प्रतिमाह एक हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता देने का फैसला भी किया है। अनुमान के मुताबिक इस मद में सालाना करीब 1100 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

उन्होंने बताया कि सरकार ने प्रदेश के कब्रिस्तानों की भूमि पर अवैध कब्जे रोकने और उनकी सुरक्षा के लिये चहारदीवारी निर्माण का फैसला भी किया है। इसके लिये अगले वित्तीय बजट में धन की व्यवस्था की जाएगी।

मिश्र ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने राजधानी लखनऊ के सभी महत्वपूर्ण चौराहों पर सुरक्षा के लिये सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय किया है। इसके लिये भी धन की व्यवस्था अगले बजट में की जाएगी।

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उन्होंने बताया कि सरकार ने पुलिस बल के आरक्षी, मुख्य आरक्षी, उपनिरीक्षक तथा निरीक्षकों की नियुक्ति शासनादेश में संशोधन करने का फैसला किया है। इससे अब कांस्टेबल और मुख्य आरक्षियों को उनके समीपस्थ जिले में भी तैनाती मिल सकेगी।