यह ख़बर 08 अक्टूबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

कार्यकर्ता की मौत के मामले में उमर ने तोड़ी चुप्पी

खास बातें

  • एनडीटीवी से उमर ने बताया कि उन्हें उसके बारे में दो महीने पहले ही शिकायत मिली थी लेकिन वो उस पर फौरन कार्रवाई करने से चूक गए।
New Delhi:

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आखिरकार नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकर्ता की कस्टडी में मौत मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ दी है। एनडीटीवी से खास बातचीत में उमर ने बताया कि उन्हें उस व्यक्ति के बारे में दो महीने पहले ही शिकायत मिली थी लेकिन वो उस पर फौरन कार्रवाई करने से चूक गए। उमर ने ये भी कहा कि उनके पास इस बात पर विश्वास करने की वजह है कि विपक्षी दल पीडीपी सलाम रेशी नाम के अहम गवाह से संपर्क में था। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि उन्होंने इस मामले में पूरी पारदर्शिता रखी है।उमर ने 'एनडीटीवी' को बताया, "यूसुफ एक धूर्त था और मैं उसके समक्ष निष्पक्षता से पेश आया। जब तक यूसुफ मुख्यमंत्री निवास पर था तब तक कोई उसे छू भी नहीं पाया।" उमर ने कहा कि मुख्यमंत्री निवास से जाने के 12 घंटे बाद दिल का दौरा पड़ने से यूसुफ की मौत हुई। उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी के इस आरोप को खारिज कर दिया कि यूसुफ राज्य के वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्री तथा उनके पिता फारूक अब्दुल्ला का बहुत करीबी था। उमर ने कहा, "नेकां के जैसे अन्य कार्यकर्ता हमारे परिवार के करीब हैं, वैसे ही वह भी था।" उमर ने फिलहाल यह स्वीकार कर लिया कि अब्दुल सलाम रिशि ने यूसुफ को पैसा देने वाली बात उनसे दो महीने के बाद बताया था। उन्होंने कहा, "ऐसी गलती केवल मानवों से होती है..मेरे दिमाग से यह उतर गया और मैं तुरंत कोई कार्रवाई करना भूल गया। मगर मुझे इसके लिए कोई ज्यादा दुख नहीं है। जैसे भी मैने इस परिस्थिति से निपटने की कोशिश की उसका मुझे कोई पछतावा नहीं है।" उमर ने कहा कि वह इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने में उत्सुक हैं ताकि सच्चाई सबके सामने आए। उमर ने जिस दिन नेकां के तीनों कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री निवास पर बुलाया था उस दिन सुरक्षा में लगाए गए कुछ पुलिस अधिकारियों के तबादला वाली घटना को यूसुफ की मौत की घटना से जोड़ने से इनकार कर दिया। अधिकारियों के तबादले और यूसुफ की मौत की घटना के बीच कुछ तार जोड़ा जा रहा था। उमर ने कहा,  "अधिकारियों का तबादला नियमित प्रक्रिया का हिस्सा था।" इसी बीच पीडीपी ने इस आरोप का खंडन किया कि पार्टी कभी प्रत्यक्षदर्शियों को प्रभावित करने के लिए उनके सम्पर्क में रही। पीडीपी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों की आलोचना की। महबूबा ने कहा, "केंद्र सरकार दोहरे चरित्र वाली सरकार है। ऐसा लगता है कि उमर ने इससे दूरी बना ली। उन्होंने खुद अहंकार के साथ काम किया और अब इल्जाम पीडीपी पर लगाते हैं। उनके व्यवहार से लगता है कि जैसे महबूबा मुफ्ती ने यूसुफ को कुछ किया है जिससे उसकी मौत हुई।"


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com