भारत के शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर भारत पूरी कोशिश कर रहा है, लेकिन फिलहाल अभी इसमें थोड़ी और देरी होती हुई दिख रही है. माल्या के प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन हाई कमीशन ने गुरुवार को कहा अभी इस दिशा में एक और कानूनी मुद्दा सुलझाना बाकी है, हालांकि इसे गोपनीय बताते हुए इस मुद्दे की जानकारी नहीं दी गई. कमीशन की ओर से कहा गया है- 'विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले में एक और कानूनी मुद्दा सुलझाना बाकी है, जो गोपनीय है.'
ब्रिटिश हाई कमीशन ने NDTV को बताया कि विजय माल्या को तबतक प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता, जब तक कि यह कानूनी मामला न सुलझा लिए जाए. उनकी तरफ से जोर दिया गया कि यह मुद्दा काफी गोपनीय है. कमीशन के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को NDTV को बताया कि 'विजय माल्या ने पिछले महीने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपनी अपील खो दी वहीं, उन्हें ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट भी नहीं जाने दिया गया. हालांकि, इसके बाद भी एक कानूनी मुद्दा है, जिसे प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करने से पहले सुलझाना जरूरी है.'
प्रवक्ता ने कहा, 'यूनाइटेड किंगडम के कानून के हिसाब से यह मुद्दा जब तक नहीं सुलझ जाता, तबतक प्रत्यर्पण नहीं हो सकता. यह मुद्दा गोपनीय है और इसकी जानकारी नहीं दे सकते. हम इसका अनुमान भी नहीं दे सकते कि यह मामला सुलझाने में कितना वक्त लगेगा. हम इससे जल्दी से जल्दी निपटने की कोशिश कर रहे हैं.'
हालांकि, बता दें कि भारत ने अभी दो हफ्ते पहले ही मामले में जानकारी दी थी कि नई दिल्ली की ओर से ब्रिटेन को किए गए माल्या के प्रत्यर्पण के अनुरोध के खिलाफ शराब कारोबारी सारे कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर चुका है. भारत सरकार ने कहा था कि नई दिल्ली माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर ब्रिटेन की सरकार के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए है. 21 मई को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि भारत सरकार उसकी प्रत्यर्पण प्रक्रिया के अगले चरण के लिए ब्रिटेन के साथ संपर्क बनाए हुए है.
बता दें कि माल्या मार्च 2016 से ब्रिटेन में है. स्कॉटलैंड यार्ड ने 18 अप्रैल 2018 को उसके खिलाफ प्रत्यर्पण वारंट जारी किया था और तभी से वह जमानत पर चल रहा है. पिछले महीने उसे यूके की सुप्रीम कोर्ट में उसके प्रत्यर्पण पर 2018 के हाईकोर्ट के एक ऑर्डर के खिलाफ अपील डालने की अनुमति नहीं मिली थी.
भारत माल्या की दिवालिया हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस के डूबने के बाद सामने आई 9,000 करोड़ के कर्ज घोटाले मामले में उसके खिलाफ केस चलाने के लिए उसे भारत लाना चाहता है.
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