भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के नाम से नंबर सेव
नई दिल्ली:
लोगों के मोबाइल फोन में अचानक भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के नाम से एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर सेव हो गया, जिसके बाद से सोशल मीडिया पर हंगामा होने लगा और लोग यूआईडीएआई की आलोचना करने लगे, मगर मोबाइल फोन में यूआईडीएआई के नाम से नंबर सेव होने के मामले में गूगल ने अपनी जिम्मेवारी ले ली है. गूगल ने यह कबूल कर लिया है कि लोगों के मोबाइल फोन में दिखने वाले नंबर में उसकी गलती है. उसकी गलती की वजह से लोगों के फोन में यह नंबर दिखा. बता दें कि इससे पहले यूआईडीएआई के ऊपर सवाल उठ रहे थे, मगर बाद में उसने कहा कि उसने किसी फोन निर्माता या दूरसंचार सेवा प्रदाता को मोबाइल फोन में अपना टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर पहले से डालने के लिए नहीं कहा है. प्राधिकरण ने यह भी स्पष्ट किया कि एंड्रायड फोन में पाया जा रहा हेल्पलाइन नंबर 1800-300-1947 पुराना और अमान्य है.
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दरअसल, शुक्रवार को जब लोगों ने अपना एंड्रायड फोन चेक किया तो खुद ब खुद सेव हो रखे एक नंबर से उनके होश उड़ गये. मगर लोगों की आलोचनाओं के बीच UIDAI ने शुक्रवार को कहा कि एंड्राएड फोन के कॉन्टेक्ट लिस्ट में पहले से उपलब्ध नंबर 1800-300-1947 नंबर गलत है. UIDAI ने बयान जारी कर कहा है कि उसने किसी भी फोन ऑपरेटर या निर्माता को ऐसी इजाज़त नहीं दी है. UIDAI ने ये भी बताया है कि ये कंपनियां उसका पुराना टोल फ्री नंबर 1800-300-1947 चला रही हैं जो वैध नहीं है.
लेकिन इसके बाद में गूगल ने अपनी गलती कबूली और कहा कि इस यूआईडीएआई विवाद में उसकी भूमिका है. दरअसल, शुक्रवार को ही देर शाम स्मार्टफ़ोन इस्तेमाल करने वाले कई यूजर्स के मोबाइल फोन की लिस्ट में UIDAI के नाम से एक टोल फ्री नंबर सेव होने को लेकर उठे विवाद पर गूगल की ओर से एक बयान आया. गूगल ने कहा कि उसने एंड्रॉयड फोन बनाने वाली कंपनियों को दिए जाने वाले शुरुआती सेटअप में यह नंबर डाला था और उसी की वजह से यह कई सारे यूज़र्स के नए एंड्रॉयड मोबाइल फोन में भी ट्रांसफ़र होकर सेव हो गया. हालांकि, गूगल ने कहा है कि अगले कुछ हफ्तों में इसे फिक्स कर दिया जाएगा.
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गूगल ने यूआईडीएआई विवाद पर अपनी गलती कबूलते हुए कहा कि लोगों के फोन में जो नंबर सेव हो रखे हैं, उसमें भारत या भारत के किसी अथॉरिटी का कोई लेना देना नहीं है. यह एक सॉफ्टवेयर इश्यू की वजह से है. गूगल ने कहा कि इस नंबर को साल 2014 में स्मार्टफ़ोन बनाने वाली कंपनियों को दिए जाने वाले शुरुआती सेटअप वाले प्रोग्राम में डाला गया था.
गूगल ने कहा कि 'एंड्रॉयड' गूगल द्वारा विकसित किया गया मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे स्मार्टफ़ोन्स और टैबलेट्स में इस्तेमाल किया जाता है. गूगल ने लिखित बयान में कहा है, "हमने इंटरनल रिव्यू में पाया है कि साल 2014 में भारतीय स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों को दिए जाने वाले सेटअप विज़र्ड में हमने उस समय का UIDAI हेल्पलाइन नंबर और आपातकाल सहायता नंबर 112 कोड कर दिया था. यह तभी से उसी में हैं. चूंकि ये नंबर किसी यूज़र की कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव होते हैं, इसलिए वे उनके नए डिवाइस के कॉन्टैक्ट्स में भी ट्रांसफर हो जाते हैं. "
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आगे कहा कि "इसके कारण किसी तरह कि दिक्कत हुई हो तो हम खेद प्रकट करते हैं. हम भरोसा दिलाते हैं कि यह ऐसी स्थिति नहीं जिसमें आपके एंड्रॉयड डिवाइसेज़ को अनाधिकृत तरीके से एक्सेस किया गया है. यूज़र अपने डिवाइस से इस नंबर को डिलीट कर सकते हैं."
आगे गूगल ने कहा है, "हम आने वाले सेटअप विज़र्ड के नए संस्करण में इसे ठीक करने की कोशिश करेंगे जिसे आने वाले कुछ हफ्तों में स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों को उपलब्ध करवा दिया जाएगा." इस तरह से देखें तो अगर किसी के एंड्रॉयड डिवाइस के कॉन्टैक्ट्स गूगल अकाउंट से सिंक (जुड़े) हैं तो उस गूगल अकाउंट से सिंक अन्य सभी डिवाइस में पुराने डिवाइस के नंबर आ जाएंगे.
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दरअसल, शुक्रवार को जब लोगों ने अपना एंड्रायड फोन चेक किया तो खुद ब खुद सेव हो रखे एक नंबर से उनके होश उड़ गये. मगर लोगों की आलोचनाओं के बीच UIDAI ने शुक्रवार को कहा कि एंड्राएड फोन के कॉन्टेक्ट लिस्ट में पहले से उपलब्ध नंबर 1800-300-1947 नंबर गलत है. UIDAI ने बयान जारी कर कहा है कि उसने किसी भी फोन ऑपरेटर या निर्माता को ऐसी इजाज़त नहीं दी है. UIDAI ने ये भी बताया है कि ये कंपनियां उसका पुराना टोल फ्री नंबर 1800-300-1947 चला रही हैं जो वैध नहीं है.
लेकिन इसके बाद में गूगल ने अपनी गलती कबूली और कहा कि इस यूआईडीएआई विवाद में उसकी भूमिका है. दरअसल, शुक्रवार को ही देर शाम स्मार्टफ़ोन इस्तेमाल करने वाले कई यूजर्स के मोबाइल फोन की लिस्ट में UIDAI के नाम से एक टोल फ्री नंबर सेव होने को लेकर उठे विवाद पर गूगल की ओर से एक बयान आया. गूगल ने कहा कि उसने एंड्रॉयड फोन बनाने वाली कंपनियों को दिए जाने वाले शुरुआती सेटअप में यह नंबर डाला था और उसी की वजह से यह कई सारे यूज़र्स के नए एंड्रॉयड मोबाइल फोन में भी ट्रांसफ़र होकर सेव हो गया. हालांकि, गूगल ने कहा है कि अगले कुछ हफ्तों में इसे फिक्स कर दिया जाएगा.
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गूगल ने यूआईडीएआई विवाद पर अपनी गलती कबूलते हुए कहा कि लोगों के फोन में जो नंबर सेव हो रखे हैं, उसमें भारत या भारत के किसी अथॉरिटी का कोई लेना देना नहीं है. यह एक सॉफ्टवेयर इश्यू की वजह से है. गूगल ने कहा कि इस नंबर को साल 2014 में स्मार्टफ़ोन बनाने वाली कंपनियों को दिए जाने वाले शुरुआती सेटअप वाले प्रोग्राम में डाला गया था.
गूगल ने कहा कि 'एंड्रॉयड' गूगल द्वारा विकसित किया गया मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे स्मार्टफ़ोन्स और टैबलेट्स में इस्तेमाल किया जाता है. गूगल ने लिखित बयान में कहा है, "हमने इंटरनल रिव्यू में पाया है कि साल 2014 में भारतीय स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों को दिए जाने वाले सेटअप विज़र्ड में हमने उस समय का UIDAI हेल्पलाइन नंबर और आपातकाल सहायता नंबर 112 कोड कर दिया था. यह तभी से उसी में हैं. चूंकि ये नंबर किसी यूज़र की कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव होते हैं, इसलिए वे उनके नए डिवाइस के कॉन्टैक्ट्स में भी ट्रांसफर हो जाते हैं. "
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आगे कहा कि "इसके कारण किसी तरह कि दिक्कत हुई हो तो हम खेद प्रकट करते हैं. हम भरोसा दिलाते हैं कि यह ऐसी स्थिति नहीं जिसमें आपके एंड्रॉयड डिवाइसेज़ को अनाधिकृत तरीके से एक्सेस किया गया है. यूज़र अपने डिवाइस से इस नंबर को डिलीट कर सकते हैं."
आगे गूगल ने कहा है, "हम आने वाले सेटअप विज़र्ड के नए संस्करण में इसे ठीक करने की कोशिश करेंगे जिसे आने वाले कुछ हफ्तों में स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों को उपलब्ध करवा दिया जाएगा." इस तरह से देखें तो अगर किसी के एंड्रॉयड डिवाइस के कॉन्टैक्ट्स गूगल अकाउंट से सिंक (जुड़े) हैं तो उस गूगल अकाउंट से सिंक अन्य सभी डिवाइस में पुराने डिवाइस के नंबर आ जाएंगे.
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