महाराष्ट्र का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है, सत्र से पहले विपक्ष की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महाराष्ट्र में अघोषित इमरजेंसी होने की बात कही गई, तो वहीं इसके जवाब में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि अगर महाराष्ट्र में अघोषित इमरजेंसी है तो दिल्ली में क्या है? शीतकालीन सत्र से पहले रविवार के दिन विपक्ष में बैठी बीजेपी की ओर से एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई.
महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी को एक साल पूरा हो चुका है... सरकार को घेरते हुए जहां फडणवीस ने आरोप लगाया कि एक साल में कोई काम नहीं हुआ है, और महाराष्ट्र में अघोषित इमरजेंसी होने की बात उन्होंने कही..
देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा, "राज्य में अघोषित इमरजेंसी लगी हुई है. आम आदमी हो या पत्रकार, अगर कोई सरकार के खिलाफ बोलता है तो उसे जेल में डालने का काम शुरू है. ऐसे कार्रवाई के वजह से सरकार का अहंकार दिखता है."
रविवार शाम को महाराष्ट्र सरकार की भी बैठक हुई जिसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मीडिया को संबोधित किया. अघोषित इमरजेंसी के आरोप पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अघोषित इमरजेंसी महाराष्ट्र में नहीं बल्कि दिल्ली में है, जहां किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.
उद्धव ठाकरे ने कहा, "मैं देवेंद्र जी से कहना चाहूंगा की उन्हें महाराष्ट्र में इमरजेंसी दिखाई दे रहा है तो दिल्ली में क्या हो रहा है.. ठंड में किसान आंदोलन कर रहे हैं और हमारे अन्नदाता को सरकार में बैठे लोग देशद्रोही, पाकिस्तानी कह रहे हैं, यह सही नहीं है."
पिछले विधानसभा सत्र में महाराष्ट्र में कंगना रनौत का मुद्दा छाया रहा.. ज़ाहिर है कि सोमवार से शुरू हो रहे इस सत्र में भी किसान सहित कई दूसरे मुद्दों पर सरकार और विपक्ष के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी रहेगा.
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