गुड़गांव की एक निजी कंपनी में काम करने वाली 27 साल की एक युवती से हुए बलात्कार के मामले में 'उबर' कंपनी के एक ड्राइवर की गिरफ्तारी के एक दिन बाद दिल्ली सरकार ने आज अंतरराष्ट्रीय कैब बुकिंग सेवा 'उबर' पर राष्ट्रीय राजधानी में पाबंदी लगा दी। अब केंद्र सरकार देश भर में ऐसे ही कदम उठाने पर विचार कर रही है।
मामले में उस वक्त एक नया मोड़ आ गया जब पता चला कि इस साल अगस्त में दिल्ली पुलिस के एक अतिरिक्त पुलिस आयुक्त की तरफ से आरोपी ड्राइवर शिव कुमार यादव को 'चरित्र प्रमाण-पत्र' जारी किया गया था।
हालांकि, दिल्ली पुलिस के आयुक्त बीएस बस्सी ने इस प्रमाण-पत्र को फर्जी करार दिया और प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच के आदेश दिए। पुलिस ने कहा कि यह प्रमाण-पत्र 'उबर' को दिया गया था।
दिल्ली पुलिस ने आज देर रात उबर के खिलाफ कथित धोखाधड़ी के मामले में प्राथमिकी दर्ज की। आज दिन में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था, 'हम कंपनी पर सीआरपीसी की धारा 188 के तहत मामला दर्ज कर सकते हैं और उबर के खिलाफ आपराधिक लापरवाही तथा अपराध को उकसाने जैसे अन्य आरोप दर्ज किये गये हैं।'
पुलिस उपायुक्त (उत्तर) मधुर वर्मा ने बताया, 'हमने उबर के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत अलग से प्राथमिकी दर्ज की है। अभी तक हुई जांच में यह बात सामने आई है कि कंपनी ने अपने ग्राहकों को पूरी तरह सत्यापित ड्राइवर के साथ सुरक्षित यात्रा की सुविधा प्रदान करने का वादा करके उनके साथ धोखाधड़ी की।'
अब तक की जांच में कंपनी की तरफ से बरती गई आपराधिक लापरवाही और अपराध के उकसावे की बात सामने आई है। आज कंपनी के महाप्रबंधक से पुलिस ने पूछताछ भी की।
'उबर' के महाप्रबंधक (विपणन) गगन भाटिया, जो कंपनी के भारत प्रभारी होने का दावा कर रहे हैं, से दिन भर पूछताछ हुई। यादव (32) को मथुरा से गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद दिल्ली सरकार ने 'उबर' को काली सूची में डाल दिया, जिससे यह कंपनी राजधानी में किसी तरह की परिवहन सेवा उपलब्ध नहीं करा पाएगी। सरकार ने यह कदम उस वक्त उठाया जब पता चला कि आरोपी शिव कुमार यादव 2011 में भी बलात्कार के आरोप में सात महीने जेल में बिता चुका है। हालांकि, इस मामले में उसे बरी कर दिया गया था।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं