NEET : एग्ज़ाम दो और मेरिट लिस्ट एक? महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री ने कहा, बहुत नाइंसाफी है...

NEET : एग्ज़ाम दो और मेरिट लिस्ट एक? महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री ने कहा, बहुत नाइंसाफी है...

प्रतीकात्मक फोटो

मुंबई:

मेडिकल पाठ्यक्रमों के एडमिशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट और महाराष्ट्र सरकार आमने-सामने हैं। इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के इच्छुक छात्रों के लिए  NEET एग्ज़ाम अनिवार्य करने के फैसले से यह स्थिति पैदा हुई है। महाराष्ट्र इन एडमिशनों के लिए अपनी CET आयोजित करता है। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार की CET की वैधता पर सवाल उठ गया है।

ऐसे में महाराष्ट्र सरकार ने तय किया है कि वह सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेगा। इसमें कोर्ट के पुराने फैसले को चुनौती दी जाएगी। राज्य के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने संवाददातों को बताया कि 1 मई और 24 जुलाई को होने वाले अलग-अलग NEET एग्ज़ाम की एक ही मेरिट लिस्ट बनाई जाने वाली है। यह कैसे संभव है। ऐसे नामुमकिन फैसले को चुनौती देने के साथ महाराष्ट्र सरकार इस एग्ज़ाम से खुद को 2018 तक दूर करने की मंशा पिटीशन में रखेगा। मंत्री ने कहा कि एग्ज़ाम दो और मेरिट लिस्ट एक? यह महाराष्ट्र के छात्रों के साथ CBSC बोर्ड की बहुत नाइंसाफी है। NEET एग्ज़ाम का नतीजा 17 अगस्त को आना है।

इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने ऐलान किया है कि 5 मई को अपने तय समय पर वह राज्य CET का एग्जाम लेगी। इसमें छात्र बढ़चढ़कर हिस्सा लें। 1 मई की NEET में जो छात्र फेल होंगे या कम मार्क्स लेंगे उन्हें 23 जुलाई को होने वाली NEET का एक्जाम देने का मौक़ा मिलेगा या नहीं? इस बात को लेकर कोर्ट के आदेश में स्पष्टता न होने के चलते महाराष्ट्र सरकार का यह आग्रह है। सरकार ने कहा है कि छात्र राज्य की CET की पढ़ाई करें। कोर्ट के फैसले के अधीन रहकर इस एक्जाम का रिजल्ट होगा।

राज्य की 5 मई को होने वाली MH CET में मेडिकल पाठ्यक्रम के लिए 2 लाख 83 हजार 319 छात्र एग्ज़ाम देंगे।


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