
ट्विटर (Twitter) ने सरकारी पदों पर बैठे नेताओं और संबद्ध संस्थानों के अकाउंट की पहचान के लिए उनके आगे लेबल लगाएगा. अगले हफ्ते से यह प्रक्रिया शुरू होगा. इससे यूजर को पता रहेगा कि वे क्या देख रहे हैं और वे ज्यादा सूचनाओं से अवगत रहेंगे.
ट्विटर ने कहा कि वह कनाडा, क्यूबा, इक्वाडोर, मिस्र, होंडुरास, इंडोनेशिया, ईरान, इटली, जापान, सऊदी अरब, सर्बिया, स्पेन, थाईलैंड, तुर्की और यूएई में 17 फरवरी से इसकी शुरुआत करेगा. हालांकि भारत का नाम इस सूची में नहीं है.पिछले साल अगस्त में ट्विटर ने अकाउंट ‘लेबल' का विस्तार करते हुए दो अतिरिक्त श्रेणी बनाई थीं. इसमें सरकार के महत्वपूर्ण अधिकारियों और सरकार से संबद्ध मीडिया संस्थानों को शामिल किया गया था.
इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य (चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका) देशों के अकाउंट को भी जोड़ा गया था. ट्विटर ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि नागरिक संस्था, अकादमिक क्षेत्र और अन्य यूजर्स से मिले सुझावों के आधार पर लेबल प्रक्रिया का विस्तार किया जा रहा है. ये ‘लेबल' इन देशों के राष्ट्राध्यक्षों के निजी अकाउंट पर भी लागू होंगे. इसके बाद तुरंत अगले चरण में ये लेबल सरकार से संबद्ध मीडिया संस्थानों के लिए लागू होंगे.
भविष्य में ‘लेबल' का विस्तार अन्य देशों के लिए भी होगा. गौरतलब है कि किसानों के आंदोलन को लेकर भड़काऊ और भ्रामक सामग्री वाले पोस्ट और ऐसे अकाउंट के लिए पिछले कुछ सप्ताह से ट्विटर को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. सरकार ने ट्विटर को सख्त चेतावनी देते हुए देश के कानूनों का पालन करने या कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)