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This Article is From Mar 14, 2012

किराया न बढ़ाते तो 'एयर इंडिया' बन जाते : त्रिवेदी

नई दिल्ली: संसद में रेल बजट पेश किए जाने के कुछ ही मिनट बाद अपनी ही पार्टी की ओर से यात्री किराये में वृद्धि को लेकर जताए गए असंतोष के बीच रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी ने किराये में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को जायज ठहराया।

त्रिवेदी ने कहा कि किराया नहीं बढ़ेगा तो सुरक्षा से भी समझौता करना होगा और तनख्वाहें देना भी संभव नहीं रहेगा। इतना ही नहीं, नई भर्तियों के लिए पैसा जुटाना संभव नहीं होगा और रेलवे कर्जे में डूबता जाएगा। पिछले साल भी रेलवे के संचालन के लिए तीन हजार करोड़ का कर्ज लेना पड़ा था। उन्होंने कहा कि रेलवे से दो फीसदी जीडीपी बढ़ेगा और रेलवे का भविष्य बेहतर है।
उन्होंने कहा कि मैंने रेलमंत्री के नाते अपना कर्तव्य निभाया और अब सब कुछ ऊपर वाले के हाथों छोड़ दिया है।

उन्होंने इस बात से इनकार किया कि रेलवे में तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी का हस्तक्षेप है और रेलवे राइटर्स बिल्डिंग से संचालित होता है। त्रिवेदी ने कहा, ममता हमारी सर्वोच्च नेता हैं, लेकिन उनका कोई हस्तक्षेप नहीं होता है। अपनी ही पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय द्वारा रेल किराये में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को वापस लेने की मांग पर मंत्री ने कहा कि राजनीतिक दलों की अपनी विचारधारा होती है।

बंदोपाध्याय की किराया बढ़ोतरी वापस लेने की मांग के बारे में पूछने पर त्रिवेदी ने इतना ही कहा, ‘कोई टिप्पणी नहीं करुंगा।’ गौरतलब है कि रेल बजट पेश होने के कुछ ही मिनट बाद केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री बंदोपाध्याय ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस की यह नीति रही है कि आम आदमी के हितों को संरक्षण प्रदान किया जाए। रेल बजट में रेल किराये में वृद्धि की गई है...तृणमूल कांग्रेस इसका समर्थन नहीं करती है।’’

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