त्रिपुरा में नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों के मद्देनजर मंगलवार दोपहर दो बजे से 48 घंटों के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. आधिकारिक अधिसूचना में यह बात कही गई है. अधिसूचना में कहा गया है कि सभी मोबाइल सेवा प्रदाताओं को एसएमएस संदेशों पर भी पाबंदी लगाने के लिए निर्देश दिए गए हैं. यह कदम अफवाह फैलने से रोकने के लिए उठाया गया है. राज्य के गृह विभाग की इस अधिसूचना पर त्रिपुरा सरकार के अतिरिक्त सचिव एके भट्टाचार्य के हस्ताक्षर हैं.
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अधिसूचना में कहा गया है, 'प्रेस संदेशों पर भी रोक रहेगी. इस उद्घोषणा का उल्लंघन भारतीय दंड संहिता की धारा 188, भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885 के संबंधित प्रावधानों, दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन (सार्वजनिक आपातकालीन या सार्वजनिक सुरक्षा) नियम, 2017 के तहत दंडनीय होगा.' आदेश में कहा गया है कि भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 5 (2) के प्रावधानों के तहत जारी की गई अधिसूचना 10 दिसंबर 2019 को दो बजे से पूरे त्रिपुरा में अगले 48 घंटों के लिए सभी मोबाइल सेवा प्रदाताओं के एसएमएस संदेशों और मोबाइल इंटरनेट/डेटा सेवाओं रोक लगाती है.
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आदेश के अनुसार 'त्रिपुरा के पुलिस महानिदेशक ने बताया है कि मनु और कंचनपुर क्षेत्रों में आदिवासियों और गैर आदिवासियों के बीच जातीय संघर्ष को लेकर अफवाहें उड़ाई जा रही हैं. इसने पूरे इलाके में हिंसक स्थिति पैदा कर दी है.' आदेश में कहा गया है, 'इस तरह की घटनाओं ने पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर स्थिति पैदा कर दी है जिससे सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा होने की आशंका है. लिहाजा पूरे राज्य की शांति-व्यवस्था को भंग होने से बचाने, उपर्युक्त मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए और कानून-व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के लिए अपर सचिव को अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया गया है.' पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों की तरह ही पूरे त्रिपुरा में भी मंगलवार को विरोध प्रदर्शन हुआ.
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