नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल का तेजी से विकास करने में हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया लेकिन कहा कि पहले से तय अन्य कार्यक्रमों के कारण वह उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे। बनर्जी ने इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर उन्हें शुक्रवार को होने वाले अपने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बाद में राज्य का दौरा करेंगे। पश्चिम बंगाल में 34 साल पुराने वामपंथी शासन का खात्मा करने के बाद रविवार को दिल्ली पहुंचीं तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री से भी मुलाकात कर उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता दिया। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत में ममता ने कहा, "मैंने प्रधानमंत्री को न्योता दिया। उनके कई कार्यक्रम पहले से तय हैं, इस कारण वह नहीं जा सकेंगे। उन्होंने हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया है। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के अनुसार बनर्जी मुख्यमंत्री पद का शपथ लेने के एक दिन पहले रेलमंत्री पद से त्यागपत्र देंगी। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद बनर्जी ने संकेत दिया कि रेल मंत्रालय तृणमूल कांग्रेस के पास ही रहेगा। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री अच्छे व्यक्ति हैं, इसलिए कोई समस्या नहीं है।" बनर्जी ने हालांकि इस बात से इनकार किया कि उन्होंने अपनी पार्टी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल में और जगह की मांग की थी। उन्होंने कहा, "नहीं, मैंने ऐसा नहीं कहा।" ज्ञात हो कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में तृणमूल कांग्रेस सबसे बड़ी साझेदार है। इस पार्टी के 19 सांसद हैं। ममता ने इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से 10 जनपथ स्थित उनके आवास पर मुलाकात की। खुद सोनिया गांधी ने ममता की अगुवाई की और उनकी पीठ थपथपाई। सोनिया से मुलाकात के बाद पत्रकारों से चर्चा में ममता ने कहा, "मैं शपथ ग्रहण समारोह में सोनिया जी को आमंत्रित करने आई थी। उन्होंने मुझे जीत की बधाई दी। वह बहुत खुश हैं।" यह पूछने पर कि उनके मंत्रालय में क्या कांग्रेस शामिल होगी, उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से।" यह पूछे जाने पर कि उनके बाद रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी कौन सम्भालेगा, ममता ने कहा, "यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। हां, हम चाहते हैं कि यह मंत्रालय हमारे पास ही रहे ताकि हमने जो काम किया है, उसे आगे भी जारी रखा जा सके।"
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