फाइल फोटो
पणजी:
गोवा के मुख्यमंत्री व पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि भारतीय विशेष बलों के जवानों के लिए वातानुकूलित जैकेटों का परीक्षण जारी है. पर्रिकर ने शनिवार को पणजी में छात्रों से बातचीत में कहा, "विशेष बलों के अभियान कठिन परिस्थितियों में चलाए जाते हैं. इस दौरान शरीर का तापमान बढ़ जाता है, जिसके कारण वे (जवान) बेहद असहज महसूस करते हैं. ऐसे समय में अगर उनके पास वातानुकूलित जैकेट होंगे तो वे सहज महसूस करेंगे. इसके लिए परीक्षण जारी है."
हल्के लड़ाकू विमान (लसीए) तेजस के बारे में बात करते हुए पर्रिकर ने कहा कि एलसीए तेजस का एकमात्र कमजोर बिंदु यह रहा कि यह एक हल्का विमान है और केवल 3.5 टन भार ले जा सकता है. 2014 और 2017 के बीच रक्षा मंत्री रहे पर्रिकर इस साल की शुरुआत में राज्य की राजनीति में वापस लौट आए और चौथी बार गोवा के मुख्यमंत्री बने. पर्रिकर ने कहा कि उन्होंने एलसीए परियोजना पर पूरी शिद्दत से काम किया है.
पढ़ें: लद्दाख में भारतीय सेना ने चीनी घुसपैठ को रोका, VIDEO में देखें उसके बाद कैसे शुरू हुई पत्थरबाजी...
पर्रिकर ने विश्व स्तरीय युद्ध उपकरणों के विनिर्माण के लिए भारतीय क्षमताओं को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, "यह परियोजना करीब पांच से छह साल पहले पूरी हो गई थी, लेकिन सरकार इसे शामिल नहीं कर रही थी. इसमें कुछ मामूली समस्याएं थीं. मैंने लगातार 18 बैठकें कीं और इसे वायु सेना में शामिल कराया. अब बेड़े में तीन विमान हैं और हर एक या दो महीने में एक और नए लड़ाकू विमान को शामिल किया जा रहा है."
VIDEO: पत्थरबाजी का वीडियो वायरल
पर्रिकर ने तेजस की तारीफ करते हुए कहा, "इसे स्वदेशी में तैयार किया है और मैं आपको बता दूं कि इस विमान में कई ऐसी विशेषताएं हैं जो विश्वप्रसिद्ध विमानों की तुलना में कहीं बेहतर हैं. इसकी केवल एक कमी यह है कि यह वजन में हल्का है और अपने साथ केवल 3.5 टन का बम ले जा सकता है. यही इसका एकमात्र कमजोर बिंदु है, अन्यथा विमान की क्षमता कई अन्य अच्छे विमानों से बेहतर है."
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हल्के लड़ाकू विमान (लसीए) तेजस के बारे में बात करते हुए पर्रिकर ने कहा कि एलसीए तेजस का एकमात्र कमजोर बिंदु यह रहा कि यह एक हल्का विमान है और केवल 3.5 टन भार ले जा सकता है. 2014 और 2017 के बीच रक्षा मंत्री रहे पर्रिकर इस साल की शुरुआत में राज्य की राजनीति में वापस लौट आए और चौथी बार गोवा के मुख्यमंत्री बने. पर्रिकर ने कहा कि उन्होंने एलसीए परियोजना पर पूरी शिद्दत से काम किया है.
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पर्रिकर ने विश्व स्तरीय युद्ध उपकरणों के विनिर्माण के लिए भारतीय क्षमताओं को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, "यह परियोजना करीब पांच से छह साल पहले पूरी हो गई थी, लेकिन सरकार इसे शामिल नहीं कर रही थी. इसमें कुछ मामूली समस्याएं थीं. मैंने लगातार 18 बैठकें कीं और इसे वायु सेना में शामिल कराया. अब बेड़े में तीन विमान हैं और हर एक या दो महीने में एक और नए लड़ाकू विमान को शामिल किया जा रहा है."
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पर्रिकर ने तेजस की तारीफ करते हुए कहा, "इसे स्वदेशी में तैयार किया है और मैं आपको बता दूं कि इस विमान में कई ऐसी विशेषताएं हैं जो विश्वप्रसिद्ध विमानों की तुलना में कहीं बेहतर हैं. इसकी केवल एक कमी यह है कि यह वजन में हल्का है और अपने साथ केवल 3.5 टन का बम ले जा सकता है. यही इसका एकमात्र कमजोर बिंदु है, अन्यथा विमान की क्षमता कई अन्य अच्छे विमानों से बेहतर है."
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