सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को भारत में गैर न्यायिक हत्याओं (Extrajudicial Killings) को रोकने के लिए एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील से पूछा कि गैर न्यायिक हत्याओं को कैसे रोका जा सकता है?
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) शरद अरविंद बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वह यह इस याचिका पर विचार नहीं करेगी, बेंच ने पूछा,“हम सहमत हैं कि इसे रोका जाना चाहिए, लेकिन हम गैर न्यायिक हत्याओं को कैसे रोक सकते हैं?”
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याचिकाकर्ता नरेंद्र कुमार गर्ग की ओर से पेश वकील जितेंद्र एम शर्मा ने दलील दी कि वह यह नहीं कह रहे हैं कि आरोपी को हथकड़ी नहीं लगानी चाहिए, लेकिन उसी के लिए मजिस्ट्रेट के सामने अनुरोध किया जाना चाहिए. शर्मा ने शीर्ष अदालत के एक फैसले को पढ़ते हुए कहा कि अभियुक्तों को एक सामान्य नियम के रूप में हथकड़ी नहीं लगाई जाएगी.
इस पर मुख्य न्यायाधीश बोबडे ने कहा कि कुछ कैदी खतरनाक हैं और उन्हें हथकड़ी लगाने की जरूरत है.
चीफ जस्टिस बोबडे ने कहा, "एक आरोपी पुलिस पर हमला करने का इरादा रखता है और आप चाहते हैं कि मजिस्ट्रेट उससे पूछे कि क्या वह हथकड़ी लगाना चाहता है? केवल एक मूर्ख व्यक्ति ही हथकड़ी लगाने के लिए हां कहेगा."
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