केंद्रीय मंत्री वी नारायणसामी ने गुरुवार को राज्यसभा में लोकपाल बिल पेश किया, लेकिन सदन में पीएम की गैरमौजूदगी पर विपक्ष ने काफी हंगामा खड़ा किया, हालांकि थोड़ी देर बाद पीएम सदन में पहुंच गए।
बसपा नेता सतीश मिश्रा ने पार्टी की ओर से लोकपाल बिल पर अपनी बात रखते हुए कहा कि मजबूत नहीं मजबूर लोकपाल होगा।
बिल पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में बीजेपी के नेता अरुण जेटली ने कहा कि सरकार एक कमजोर लोकपाल बिल लाई है, और सरकार लोकपाल की 'गर्भ' में ही हत्या कर देना चाहती है। जेटली ने कहा कि इस बिल को संशोधनों के साथ पास किया जाए, और इसे पारित किए बिना सदन को उठना ही नहीं चाहिए।
सूत्रों के अनुसार तृणमूल ने साफ कह दिया है कि लोकपाल बिल में लोकायुक्त के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा। वहीं, सरकार का कहना है कि वह तृणमूल पर पूरा भरोसा कर रही है और राज्यसभा में उसे तृणमूल से अपने पक्ष में मतदान की उम्मीद है। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी ने भी कहा है कि वह लोकपाल बिल में सात संशोधनों के साथ राज्यसभा में आएगी। सपा ने कुछ और छोटे दलों को अपने साथ मिलाने की रणनीति भी बना ली है। राज्यसभा के नंबर गेम को जीतना कांग्रेस के लिए आसान नहीं है, क्योंकि उसके पास बहुमत नहीं है। सरकार यहां बिल पास कराने के लिए बीएसपी, एसपी और आरजेडी के भरोसे है।
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