नई दिल्ली:
राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम की अटकलों के बीच केंद्र सरकार ने सोमवार को स्पष्ट किया कि वह इस पर आम सहमति बनाने की कोशिश करेगी। लेकिन सरकार ने यह भी कहा कि कौन राष्ट्रपति होगा, इस बारे में अभी कहना जल्दबाजी होगी।
भावी राष्ट्रपति को लेकर विभिन्न दलों की विभिन्न प्रतिक्रिया है। कुछ राजनीतिक दल राष्ट्रपति के गैर-राजनीतिक होने की वकालत कर रहे हैं।
बताया जाता है कि केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में भागीदार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता ने किसी गैर-राजनीतिक व्यक्ति को उम्मीदवार बनाए जाने पर समर्थन देने की बात कही है। इसे देखते हुए राष्ट्रपति पद के सम्भावित उम्मीदवारों में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कहा कि इस बात को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए कि देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा। उन्होंने कहा, "यह एक बड़ा मुद्दा है। किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत नहीं है। जो भी राष्ट्रपति होगा, सभी के समर्थन से होगा। ऐसे में प्रत्येक नेता व दल को अपने विचार सामने रखने का अधिकार है। इस पर कोई विवाद नहीं है और न ही हम इस पर किसी तरह का विवाद चाहते हैं। हम आम सहमति के लिए काम करेंगे।"
वहीं, पवार ने राष्ट्रपति के लिए गैर-राजनीतिक होने के अपने कथित बयान के बारे में पूछे जाने पर कहा, "मैंने ऐसा नहीं कहा। मैंने उस उम्मीदवार को समर्थन देने की बात कही है, जिस पर सभी की सहमति हो।"
कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने राष्ट्रपति के सम्भावित उम्मीदवार के रूप में किसी का नाम लेने से इंकार कर दिया। कलाम के लिए पार्टी में आदर व सम्मान होने की बात कह उन्होंने उम्मीदवार को लेकर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार किया।
इस बीच, सरकार की एक अन्य सहयोगी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के प्रवक्ता टीकेएस इलानगोवन ने कहा कि गैर-राजनीतिक राष्ट्रपति एक अच्छा विकल्प है, लेकिन उसे कुछ राजनीतिक व कानूनी जानकारी होनी चाहिए, ताकि वह पद की जिम्मेदारियों का निर्वाह कर सकें।
समाजवादी पार्टी (सपा) ने हालांकि कलाम के नाम का स्वागत किया है, वहीं वामपंथी दल ने कहा कि उसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि राष्ट्रपति राजनीतिक होगा या गैर-राजनीतिक।
सपा नेता शाहिद सिद्दकी ने कहा, "राजनीतिक या गैर-राजनीतिक राष्ट्रपति को राजनीति से ऊपर होना चाहिए। यदि उनके (कलाम) नाम पर सहमति है तो सपा को इससे परहेज नहीं है।"
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने कहा, "किसी राजनीतिक दल से जुड़ा होना या न होना योग्यता या अयोग्यता नहीं हो सकती।"
भाजपा ने जहां इस पर टिप्पणी करने से इनकार किया, वहीं सहयोगी जनता दल (युनाइटेड) के नेता व राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के संयोजक शरद यादव ने कहा कि जद(यु) या राजग में राष्ट्रपति के उम्मीदवार को लेकर कोई चर्चा नहीं है।
भावी राष्ट्रपति को लेकर विभिन्न दलों की विभिन्न प्रतिक्रिया है। कुछ राजनीतिक दल राष्ट्रपति के गैर-राजनीतिक होने की वकालत कर रहे हैं।
बताया जाता है कि केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में भागीदार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता ने किसी गैर-राजनीतिक व्यक्ति को उम्मीदवार बनाए जाने पर समर्थन देने की बात कही है। इसे देखते हुए राष्ट्रपति पद के सम्भावित उम्मीदवारों में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कहा कि इस बात को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए कि देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा। उन्होंने कहा, "यह एक बड़ा मुद्दा है। किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत नहीं है। जो भी राष्ट्रपति होगा, सभी के समर्थन से होगा। ऐसे में प्रत्येक नेता व दल को अपने विचार सामने रखने का अधिकार है। इस पर कोई विवाद नहीं है और न ही हम इस पर किसी तरह का विवाद चाहते हैं। हम आम सहमति के लिए काम करेंगे।"
वहीं, पवार ने राष्ट्रपति के लिए गैर-राजनीतिक होने के अपने कथित बयान के बारे में पूछे जाने पर कहा, "मैंने ऐसा नहीं कहा। मैंने उस उम्मीदवार को समर्थन देने की बात कही है, जिस पर सभी की सहमति हो।"
कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने राष्ट्रपति के सम्भावित उम्मीदवार के रूप में किसी का नाम लेने से इंकार कर दिया। कलाम के लिए पार्टी में आदर व सम्मान होने की बात कह उन्होंने उम्मीदवार को लेकर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार किया।
इस बीच, सरकार की एक अन्य सहयोगी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के प्रवक्ता टीकेएस इलानगोवन ने कहा कि गैर-राजनीतिक राष्ट्रपति एक अच्छा विकल्प है, लेकिन उसे कुछ राजनीतिक व कानूनी जानकारी होनी चाहिए, ताकि वह पद की जिम्मेदारियों का निर्वाह कर सकें।
समाजवादी पार्टी (सपा) ने हालांकि कलाम के नाम का स्वागत किया है, वहीं वामपंथी दल ने कहा कि उसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि राष्ट्रपति राजनीतिक होगा या गैर-राजनीतिक।
सपा नेता शाहिद सिद्दकी ने कहा, "राजनीतिक या गैर-राजनीतिक राष्ट्रपति को राजनीति से ऊपर होना चाहिए। यदि उनके (कलाम) नाम पर सहमति है तो सपा को इससे परहेज नहीं है।"
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने कहा, "किसी राजनीतिक दल से जुड़ा होना या न होना योग्यता या अयोग्यता नहीं हो सकती।"
भाजपा ने जहां इस पर टिप्पणी करने से इनकार किया, वहीं सहयोगी जनता दल (युनाइटेड) के नेता व राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के संयोजक शरद यादव ने कहा कि जद(यु) या राजग में राष्ट्रपति के उम्मीदवार को लेकर कोई चर्चा नहीं है।
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