WhatsApp ने शुरू की ‘फेक न्यूज़’ से निपटने की कवायद, रिसर्च करने वालों को देगा 34 लाख रुपये का अवार्ड

व्हॉट्सऐप ने इस तरह के रिसर्चर को 50,000 अमेरिकी डॉलर (34 लाख 39 हज़ार रुपये) तक का पुरस्कार देने का भी वादा किया है.

WhatsApp ने शुरू की ‘फेक न्यूज़’ से निपटने की कवायद, रिसर्च करने वालों को देगा 34 लाख रुपये का अवार्ड

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली:

भले ही स्मार्टफोनों से घिरे आज के युवाओं के लिए व्हॉट्सऐप (WhatsApp) बेहद कारगर ऐप है, जो यादगार पलों को तस्वीरों, वीडियो के रूप में बांटने, जानकारी लेने-देने और यहां तक कि बात करने के लिए भी पूरी तरह उपयुक्त है, लेकिन लम्बे समय से इस ऐप के इस पहलू पर भी चर्चा ज़ोरों पर है कि इसके ज़रिये किसी भी गलत सूचना को फैलाना बेहद आसान है, जिसकी वजह से दंगे तक भड़क सकते हैं.

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इन गलत सूचनाओं या अफवाहों को आम पाठक 'फेक न्यूज़' के नाम से भी जानते हैं, जिसकी रोकथाम के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान जैसे प्रयास किए जाते रहे हैं, लेकिन असलियत यह है कि बहुत ज़्यादा असर नहीं हुआ है, और व्हॉट्सऐप इस्तेमाल करने वाला एक बड़ा तबका हर उस तस्वीर या वीडियो या जानकारी पर यकीन कर लेता है, जो उसे भेजा जाता है.

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दुनियाभर में फैले लगभग 180 देशों में डेढ़ अरब से ज़्यादा लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले व्हॉट्सऐप की वजह से फैली अफवाहों के परिणामस्वरूप भारत में तो कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनमें कुल मिलाकर दर्जनों लोग जान से भी जा चुके हैं. इसके बाद भारत सरकार ने व्हॉट्सऐप के मालिकान को चेतावनी जारी करते हुए फेक न्यूज़ की समस्या का हल निकालने तथा इसकी रोकथाम के उपाय तलाशने के लिए कहा था.
 
अब व्हॉट्सऐप ने इसी कोशिश के तहत एक रिसर्च कार्यक्रम शुरू करने का ऐलान किया है, जिसमें दुनियाभर से शोधकर्ताओं को आमंत्रित किया गया है, ताकि वे अफवाहें फैलाए जाने तथा उनकी रोकथाम के उपायों पर शोध कर सकें. व्हॉट्सऐप ने इस तरह के रिसर्चर को 50,000 अमेरिकी डॉलर (34 लाख 39 हज़ार रुपये) तक का पुरस्कार देने का भी वादा किया है.

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व्हॉट्सऐप ने अपनी वेबसाइट पर इस रिसर्च अवार्ड की घोषणा करते हुए लिखा है, व्हॉट्सऐप को अपने यूज़रों की सुरक्षा की परवाह है, और इसकी बेहतरी के लिए हम सबके साथ मिलकर इस समस्या का हल निकालना चाहते हैं. व्हॉट्सऐप के अनुसार, पहले चरण में वे अवार्ड की घोषणा कर रहे हैं, जो रिसर्च करने वाले उन लोगों को दिया जाएगा, जो व्हॉट्सऐप पर गलत जानकारी फैलाने से जुड़े मुद्दों पर शोध करने के इच्छुक हैं. व्हॉट्सऐप ने इसके लिए दुनियाभर से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं, लेकिन साफ लिखा है कि उन प्रस्तावों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो व्हॉट्सऐप का ज़्यादा इस्तेमाल करने वाले देशों - भारत, ब्राज़ील, इंडोनेशिया, मैक्सिको - से मिलेंगे.

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