श्रीनगर:
लद्दाख क्षेत्र के सियाचिन ग्लेशियर इलाके में रविवार को एक बर्फीली चट्टान खिसकर सेना की एक चौकी पर आ गिरी। चट्टान के नीचे दबकर छह सैनिक शहीद हो गए। एक सैनिक अभी तक लापता है।
श्रीनगर स्थित सेना की 15वीं कोर के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जेएस बरार ने बताया, "आज (रविवार) जम्मू एवं कश्मीर के सियाचिन ग्लेशियर इलाके के सब-सेक्टर हनीफ, टरटक में हुए एक दर्दनाक हादसे में बर्फ की चट्टान के नीचे दबकर छह जवान शहीद हो गए और असम रेजिमेंट का एक जवान लापता है।" उन्होंने कहा, "आज सुबह 6.15 बजे 17,000 फीट की ऊंचाई पर बनी हमारी चौकी एक बर्फ की चट्टान के नीचे दब गई। खोजी कुत्तों को साथ लेकर बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया।"
प्रवक्ता ने कहा, "छह जवानों ने दुर्भाग्यवश अपनी जान गंवा दी। उनके शव बरामद कर लिए गए हैं। एक जवान अभी तक लापता है। दुर्भाग्यवश खराब मौसम के कारण बचाव कार्य में बाधा आई।"
उल्लेखनीय है कि लद्दाख क्षेत्र का सियाचिन ग्लेशियर विश्व का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र माना जाता है, जहां भारत और पाकिस्तान के सैनिक सालभर अपनी-अपनी सरहदों पर तैनात रहते हैं।
श्रीनगर स्थित सेना की 15वीं कोर के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जेएस बरार ने बताया, "आज (रविवार) जम्मू एवं कश्मीर के सियाचिन ग्लेशियर इलाके के सब-सेक्टर हनीफ, टरटक में हुए एक दर्दनाक हादसे में बर्फ की चट्टान के नीचे दबकर छह जवान शहीद हो गए और असम रेजिमेंट का एक जवान लापता है।" उन्होंने कहा, "आज सुबह 6.15 बजे 17,000 फीट की ऊंचाई पर बनी हमारी चौकी एक बर्फ की चट्टान के नीचे दब गई। खोजी कुत्तों को साथ लेकर बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया।"
प्रवक्ता ने कहा, "छह जवानों ने दुर्भाग्यवश अपनी जान गंवा दी। उनके शव बरामद कर लिए गए हैं। एक जवान अभी तक लापता है। दुर्भाग्यवश खराब मौसम के कारण बचाव कार्य में बाधा आई।"
उल्लेखनीय है कि लद्दाख क्षेत्र का सियाचिन ग्लेशियर विश्व का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र माना जाता है, जहां भारत और पाकिस्तान के सैनिक सालभर अपनी-अपनी सरहदों पर तैनात रहते हैं।
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