टकम पारियो को अरुणाचल प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना है (फाइल फोटो)
इटानगर:
- गुरुवार रात को पेमा खांडू को उनके उपमुख्यमंत्री तथा पांच अन्य विधायकों के साथ अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित किया गया. पीपीए ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा को बताया कि खांडू तथा अन्य निलंबित विधायकों को 'असंबद्ध' माना जाए, और उनके बैठने की व्यवस्था भी अलग की जाए.
- पेमा खांडू सितंबर में ही 42 अन्य विधायकों के साथ कांग्रेस से अलग हुए थे, जिससे पार्टी अचानक सत्ता से बाहर हो गई थी.
- उस समय उन्हें शामिल करने वाली पीपीए का कहना है कि वह 'उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे...' पीपीए प्रमुख कलिंग जेरांग ने कहा, "वे कांग्रेस से आकर हमारी पार्टी में शामिल हुए थे... लेकिन वह पार्टी ऑफिस में आना भूल गए..."
- अब पेमा खांडू का स्थान लेने के लिए अधिकतर विधायकों की पसंद टकम पारियो हैं.
- सूत्रों का कहना है कि पेमा खांडू अब कानूनी लड़ाई के विकल्प पर विचार कर रहे हैं, और यह भी सोच रहे हैं कि बीजेपी के समर्थन से अड़े रहें. लेकिन उनके पास 60-सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए आवश्यक 31 विधायक नहीं हैं.
- अरुणाचल प्रदेश में पिछले साल दिसंबर से ही राजनैतिक रूप से अस्थिरता बनी हुई है, जब कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नबाम टुकी के खिलाफ विद्रोह कर दिया था.
- कई नाटकीय घटनाक्रमों के बाद कांग्रेसी विद्रोही कलिखो पुल को 11 बीजेपी विधायकों के समर्थन से फरवरी में मुख्यमंत्री बना दिया गया था.
- कांग्रेस इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई, जिसने नबाम टुकी की सरकार को बहाल कर दिया, लेकिन कुछ ही दिन में टुकी फिर सत्ता से हाथ धो बैठे, क्योंकि उनके पास पर्याप्त बहुमत नहीं था.
- कलिखो पुल दोबारा मुख्यमंत्री बनने की फिराक में थे, लेकिन उस समय वह बिल्कुल अकेले रह गए, जब उनका समर्थन कर रहे विधायक आखिरी वक्त पर पेमा खांडी के साथ चले गए.
- अगस्त में कलिखो पुल ने खुदकुशी कर ली और एक महीने बाद पेमा खांडू भी 40 से ज़्यादा विधायकों के साथ कांग्रेस से निकलकर पीपीए में शामिल हो गए. कांग्रेस में उस वक्त सिर्फ नबाम टुकी रह गए थे.
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