सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने कहा है कि पाकिस्तान में आतंकी ढांचा लगातार बरक़रार है और आतंकी घटनाओं में स्वयं नुक़सान उठाने के बावजूद यह मुल्क जम्मू और कश्मीर में छद्म युद्ध को बढ़ावा दे रहा है। जनरल ने यह भी कहा कि भारत की सुरक्षा चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं और जम्मू-कश्मीर में हालिया आतंकी हमले आतंकवादियों की हताशा को दर्शाते हैं।
अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं की वापसी
अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो सेनाओं की वापसी के बाद उपजे हालात पर एक सवाल के जवाब में जनरल सुहाग ने कहा कि अमेरिकी सेना की अफगानिस्तान से वापसी के बाद आतंकियों का ढांचा जम्मू-कश्मीर तक फैल सकता है और सेना इस स्थिति पर अपनी नज़र बनाए हुए है। हालांकि उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेना का वापस जाने का फैसला इस बात की तस्दीक करता है कि वहां हालात सुधरे हैं और अब अमेरिका यह मान रहा है कि अफगान फौज वहां के हालात से निपटने में सक्षम है।
क्या चीन के साथ सीमांकन से टकराव के हालात रुकेंगे
चीन और भारत के सैनिकों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बढ़ती तनाव की घटनाओं पर सेना प्रमुख ने कहा है कि दोनों देशों के बीच सीमांकन के बाद चीनी अतिक्रमण की घटनाएं ख़त्म हो जाएंगी। फिलहाल दोनों सेनाएं सीमा के बारे में अपनी-अपनी धारणा के अनुसार गश्त करती हैं और तभी दोनों सेनाओं के बीच तनातनी के हालात पैदा होते हैं। उन्होंने कहा है कि दोनों सेनाओं के बीच विश्वास बहाली के कदम प्रभावी रहे हैं। सुहाग ने कहा है कि उत्तरी सीमा पर क्षमताओं के अंतर को पाटा जा रहा है।
26/11 के हालात होने पर कैसे निपटेगी सेना
सेना प्रमुख ने कहा है कि मुंबई पर हमले जैसे हालात का मसला गृह मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे हालात पैदा होते हैं तो उनका उत्तर देने में लगने वाला समय काफी कम होगा। सेना प्रमुख ने कहा कि उनके और गृह मंत्रालय के बीच तालमेल काफी बेहतर है। जनरल सुहाग ने कहा कि सेना की मौजूदगी पूरे देश में है और ऐसे हालात पैदा होने पर वह गृह मंत्रालय के प्रयासों में सार्थक योगदान के लिए कटिबद्ध हैं।
युद्धविराम उल्लंघन के बढ़ते मामले
पाकिस्तान से सटी सीमा पर युद्धविराम के बढ़ते मामलों पर सेना प्रमुख ने कहा है कि पाकिस्तान का ध्यान नियंत्रण रेखा से हट कर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ज़्यादा चला गया है। इसका कारण यह है कि नियंत्रण रेखा पर सेना का उग्रवाद पर अंकुश लगाने का तंत्र बहुत मज़बूत है। जनरल सुहाग ने कहा है कि मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों को छोड़कर उन्होंने अपने कमांडरों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए खुली छूट दे रखी है।
सैन्य आधुनिकीकरण की वरीयता
सेना प्रमुख ने कहा है कि उत्तरी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में ढांचागत व्यवस्था का बेहतरीकरण और प्रतिद्वंद्वी से क्षमताओं में अंतर को दूर करना सेना की प्राथमिकताओं में शामिल है। साथ ही हथियारों में कमी को दूर करने को भी सेना ने वरीयता दी है। दलबीर सिंह सुहाग ने बताया कि सेना ने 7 क्षेत्रों में आधुनिकीकरण को वरीयता दी है।
उन्होंने कहा कि सेना ने 28 सालों से तोप नहीं खरीदी है। अब रक्षा ख़रीद परिषद की बैठक में मंजूरी मिलने के बाद 15750 करोड़ की लागत से 814 तोपों की खरीद को प्रधानता दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस्रायल से 3200 करोड़ रुपये में 8356 स्पाइक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल खरीदने के सौदे को भी तेज़ी से पूरा किया जा रहा है। सेना प्रमुख ने कहा कि बीएमपी और टैंकों के आधुनिकीकरण को भी तरजीह दी जा रही है साथ ही बुलेट-प्रूफ जैकेट्स, राइफलों और रात में देखने वाले उपकरणों की खरीद को भी प्राथमिकता दी जा रही है।
गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार महिलाएं
सेना प्रमुख ने कहा कि सेना में महिलाओं का प्रदर्शन वैसा ही है जैसा पुरुषों का। इसलिए हमने सोचा कि क्यों नहीं उन्हें इस बार परेड में शामिल कराया जाए।
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