सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
तूतीकोरिन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल सुनवाई करने से इंकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील की याचिका पर सोमवार (28 मई) को फिर से सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट में तूतीकोरिन मामले को लेकर दाखिल याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की गई थी.
याचिकाकर्ता के वकील जीएस मणि ने कोर्ट से तूतीकोरिन के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और अन्य पुलिसवालों पर FIR दर्ज कर सीबीआई जांच की मांग की. याचिका में कहा गया है कि ये सीधे-सीधे हत्या का मामला है. याचिका में मारे गए लोगों के लिए 50 लाख, घायल लोगों के लिए 25 लाख का मुआवजा देने की मांग की. साथ ही तूतीकोरिन, कन्याकुमारी और अन्य जिलों में इंटरनेट सेवा को बहाल करने की भी मांग की. कोर्ट से इस केस की जांच की निगरानी की मांग की भी है.
इससे पहले गुरुवार को तमिलनाडु के तूतीकोरिन हिंसा का मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी पहुंच गया. इस मामले की सुनवाई करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट तैयार हो गया है और इस पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा. तमिलनाडु के वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि कि NHRC को निर्देश दिया जाए कि वो मौके पर जाकर हिंसा की जांच करे.
वकील की मांग है कि NHRC ने डीजीपी और चीफ सेकेट्री से रिपोर्ट मांगी है और उनकी रिपोर्ट से सच बाहर नहीं आएगा. इसके लिए जरूरी है कि NHRC की टीम खुद वहां का दौरा करे. दरअसल स्टर्लिंग प्लांट के विरोध में हुए हंगामे के दौरान पुलिस की फायरिंग से 13 लोगों की मौत हो गई जबकि करीब 70 लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं. मामले की सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं.
आपको बता दें कि स्टरलाइट कॉपर यूनिट को बंद कर दिया गया है और अगले पांच दिनों के लिए के इंटरनेट सेवा को निलंबित कर दिया गया है. वहीं डीएमके ने शुक्रवार को इस पर राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है. साथ ही डीएमके ने तूतीकोरिन हिंसा की तुलना जलियांवाला बाग नरसंहार से की है.
याचिकाकर्ता के वकील जीएस मणि ने कोर्ट से तूतीकोरिन के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और अन्य पुलिसवालों पर FIR दर्ज कर सीबीआई जांच की मांग की. याचिका में कहा गया है कि ये सीधे-सीधे हत्या का मामला है. याचिका में मारे गए लोगों के लिए 50 लाख, घायल लोगों के लिए 25 लाख का मुआवजा देने की मांग की. साथ ही तूतीकोरिन, कन्याकुमारी और अन्य जिलों में इंटरनेट सेवा को बहाल करने की भी मांग की. कोर्ट से इस केस की जांच की निगरानी की मांग की भी है.
इससे पहले गुरुवार को तमिलनाडु के तूतीकोरिन हिंसा का मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी पहुंच गया. इस मामले की सुनवाई करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट तैयार हो गया है और इस पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा. तमिलनाडु के वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि कि NHRC को निर्देश दिया जाए कि वो मौके पर जाकर हिंसा की जांच करे.
वकील की मांग है कि NHRC ने डीजीपी और चीफ सेकेट्री से रिपोर्ट मांगी है और उनकी रिपोर्ट से सच बाहर नहीं आएगा. इसके लिए जरूरी है कि NHRC की टीम खुद वहां का दौरा करे. दरअसल स्टर्लिंग प्लांट के विरोध में हुए हंगामे के दौरान पुलिस की फायरिंग से 13 लोगों की मौत हो गई जबकि करीब 70 लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं. मामले की सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं.
आपको बता दें कि स्टरलाइट कॉपर यूनिट को बंद कर दिया गया है और अगले पांच दिनों के लिए के इंटरनेट सेवा को निलंबित कर दिया गया है. वहीं डीएमके ने शुक्रवार को इस पर राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है. साथ ही डीएमके ने तूतीकोरिन हिंसा की तुलना जलियांवाला बाग नरसंहार से की है.
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