ऐसे रची गई थी 2020 में दिल्ली दंगों की साजिश, दिल्ली पुलिस ने एनिमेशन के जरिए बताया

पुलिस के चार्जशीट के मुताबिक, चांद बाग हिंसा होने के करीब 20 मिनट पहले यह सब प्लान किया गया था. प्लानिंग के तहत हिंसा शुरू होने से 20 मिनट पहले कुछ सीसीटीवी कैमरे तोड़े गए, कुछ खराब किये गए और कुछ की दिशा बदली गई.

ऐसे रची गई थी 2020 में दिल्ली दंगों की साजिश, दिल्ली पुलिस ने एनिमेशन के जरिए बताया

दिल्ली दंगों की शुरुआत 13 दिसंबर को जामिया और न्यू फ्रेंड्स कालोनी के हिंसा और आगजनी से हुई थी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने साल 2020 में हुए दिल्ली दंगो (2020 Delhi Riots) की साजिश की चार्जशीट में एनिमेशन (Animation Chargesheet) के जरिए कोर्ट में डेमो दिया है. यह एनिमेशन तीसरी सप्लीमेंट्स चार्जशीट में सेल में शामिल किया गया है. हालांकि कोर्ट ने इस चार्जशीट पर अभी संज्ञान नहीं लिया है. एनिमेशन में पुलिस ने दिखाया है कि चांद बाग (Chand Bagh) इलाके में कहां-कहां सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे, किस जगह हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की हत्या की गई. हिंसा वाली जगहों के सीसीटीवी खराब कर दिए गए, तोड़ दिए गए या उन्हें दूसरी दिशा में मोड़ दिया गया.

सब प्लानिंग के तहत हुआ

पुलिस के चार्जशीट के मुताबिक, चांद बाग हिंसा (Chand Bagh Violence) होने के करीब 20 मिनट पहले यह सब प्लान किया गया था. प्लानिंग के तहत हिंसा शुरू होने से 20 मिनट पहले कुछ सीसीटीवी कैमरे तोड़े गए, कुछ खराब किये गए और कुछ की दिशा बदली गई. चांद बाग हिंसा (Chand Bagh Violence) वाली जगह के करीब 35 सीसीटीवी कैमरे खराब पाए गए, जो सुनियोजित प्लानिंग का हिस्सा था. इसके ठीक 20 मिनट बाद दंगा शुरू हुआ, जिसमें हेड कॉन्स्टेबल रत्न लाल की हत्या हुई और अमित शर्मा बुरी तरह घायल हुए. इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी भी बुरी तरह घायल हुए. कई लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल भी हुए.

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दंगा अचानक नहीं हुआ

दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में एनिमेशन के जरिए बताया कि दंगा अचानक नहीं हुआ था. उसे एक प्लानिंग के तहत भड़काया गया था. दंगा करने के लिए उपद्रवियों ने पहले से ही हथियारों के लिए इंतजाम कर लिए थे. एनिमेशन में दिखाया गया कि उपद्रवियों के पास हथियार थे. पुलिस ने यह भी दावा किया की एक वर्ग विशेष के लोग पहले से प्लानिंग कर दूसरे वर्ग विशेष के लोगों के इलाके में बढ़ रहे थे. हिंसा करने के लिए सीसीटीवी पहले से ही खराब कर दिए गए थे. जिसके बाद वहां जमकर आगजनी की गई और काफी जान-माल को भी नुकसान पहुंचाया गया.

सीसीटीवी फुटेज से हुआ खुलासा

दिल्ली पुलिस ने चांद बाग (Chand Bagh) में लगे 33 सीसीटीवी, मुस्तफाबाद में लगे 43 सीसीटीवी और अन्य इलाकों में भी लगे सीसीटीवी की फुटेज को जब देखा तो पाया कि हिंसा (Violence) के लिए उपद्रवियों ने पहले से प्लानिंग की हुई थी. प्लानिंग के तहत वो चांद बाग (Chand Bagh) में इकट्ठा हुए फिर चक्का जाम किया. आखिर में दंगा (Delhi Riots) किया और पुलिस पर हमला किया. हिंसा के सबूत सामने न आ पाए इसके लिए उपद्रवियों ने 26 सीसीटीवी कैमरे पर कपड़ा रख दिया था. यह कैमरे करीब 45 मिनट डिश लोकेट और कुछ कैमरे 25 मिनट करीब डिश कनेक्ट भी किये गए. जांच में एक नाबालिग भी यह सब काम करते नजर आया है.

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स्पेशल सेल के मुताबिक, 23, 24, 25 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की (Delhi Riots) साजिश महीनों पहले रची गई थी. दंगों की शुरुआत 13 दिसंबर को जामिया और न्यू फ्रेंड्स कालोनी के हिंसा और आगजनी से हुई थी. इसके बाद 20 दिसंबर को सीलमपुर में ‘दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट' (DPSG) नाम का वाट्सऐप ग्रुप बनाया और साथ में ‘जामिया कोर्डिनेशन कमेटी' (JCC) नाम का एक ऑर्गनाइजेशन बनाया गया. इस ग्रुप के लोग उत्तरी पूर्वी दिल्ली के प्रोटेस्ट साइट के लोगों को कॉर्डिनेट कर रहे थे. साथ ही पल-पल की रणनीति बनाई जा रही थी. 11 फरवरी 2020 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) के आने की घोषणा हुई. 14, 15, 16 फरवरी 2020 को सभी प्रोटेस्ट साइट पर साजिश के तहत महिला एकता यात्रा प्रोग्राम हुआ, जिसमें दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से महिलाओं को पहुंचाया गया.

16, 17  फरवरी को दोपहर 2 बजे चांद बाग प्रोटेस्ट साइट (Chand Bagh Protest Site) पर एक सीक्रेट मीटिंग हुई, जिसमें उत्तर पूर्वी दिल्ली के प्रोटेस्ट साइट (Delhi Protest Site) के सभी लीडर शामिल हुए. 22 फरवरी को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन (Jaffrabad Metro Station) पर साजिश के तहत चक्का जाम किया गया. 22 फरवरी को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन (Jaffrabad Metro Station) और चक्का जाम में उत्तरी पूर्वी दिल्ली के प्रोटेस्ट साइट (Delhi Protest Site) के सभी लीडर शामिल हुए. 22 फरवरी को जामिया में ‘जामिया कोर्डिनेशन कमेटी' (JCC) की हिंसा करने और चक्का जाम करने को लेकर मीटिंग हुई. 23 फरवरी को चांद बाग से राजघाट तक विरोध प्रदर्शन के नाम पर दिन में चक्का जाम और हिंसा के लिए चांद बाग समेत सभी प्रोटेस्ट साइट पर भीड़ जुटाई जाने लगी.

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23 फरवरी को देर शाम चांद बाग इलाके में दंगों (Chand Bagh Violence) को लेकर सीक्रेट मीटिंग हुई, जिसमें सीसीटीवी कैमरे की दिशा कैसे बदलनी है या सीसीटीवी कैमरे डिस्कनेक्ट कैसे करना है. इसको लेकर पूरी प्लानिंग की गई. मीटिंग के बाद 24 फरवरी को चांद बाग और मुस्तफाबाद के सीसीटीवी कैमरा प्लान के तहत या तो डिस्कनेट किए गए या उन पर कपड़े डाल दिये गए. कुछ जगहों के कैमरे की दिशा बदल दी गई. इसके बाद 24 फरवरी को दिल्ली पुलिस के जवानों पर उपद्रवियों ने हमला किया और फिर उत्तरी पूर्वी दिल्ली में दंगे भड़क गए. एक शख्स अपने साथ आरा मशीन जैसा एक हथियार भी लाया था, जिसे पुलिस ने बरामद किया है.

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