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This Article is From Dec 15, 2020

किसान के लिए यह अगली फसल और अगली नस्ल की लड़ाई है : सुरजेवाला

किसान आंदोलन: कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा- सरकार अपने फायदे के लिए नए-नए संगठन खड़े कर रही है, मोदी जी राजहठ को छोड़कर राजधर्म को कब मानेंगे

Kisan Andolan: कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (फाइल फोटो).

नई दिल्ली:

कांग्रेस (Congress) के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आज किसानों के आंदोलन (Farmers' Movement) को लेकर कहा कि किसानों के लिए यह अगली फसल और अगली नस्ल की लड़ाई है. हमारे लिए यह रोजीरोटी और आजीविका की लड़ाई है, खेत-खलिहान की लड़ाई है. हरियाणा का एक-एक गांव का किसान आंदोलन कर रहे किसान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. मोदी जी राजहठ को छोड़कर राजधर्म को कब मानेंगे.

कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा कि सरकार निर्दयी है, मोदी जी इतने निष्ठुर क्यों हो गए हैं. प्रधानमंत्री अन्नदाताओं की बात सुनिए तीनों कानून को खत्म कीजिए. भारतीय किसान यूनियन में 32 संगठन हैं, जो एक हैं और उनकी एक ही मांग है कि कानून खत्म किया जाए. सरकार अपने फायदे के लिए नए-नए संगठन खड़े कर रही है. मोदी जी राजहठ को छोड़कर राजधर्म को कब मानेंगे. किसानों के लिए यह अगली फसल और अगली नस्ल की लड़ाई है. हमारे लिए यह रोजीरोटी और आजीविका की लड़ाई है, खेत-खलिहान की लड़ाई है. 

सुरजेवाला ने कहा कि ये अध्यादेश आया तो कांग्रेस ने इसका विरोध जताया. कांग्रेस ने लोकसभा और राज्यसभा में लड़ाई लड़ी. हम दो दिनों तक संसद परिसर में धरने पर बैठे रहे. राहुल गांधी ने किसान यात्रा निकाली जो पंजाब और हरियाणा होकर गुजरी. 

सुरजेवाला ने कहा कि किसान यूनियन चाहते हैं कि राजनैतिक दल उनके आंदोलन में ना आएं. उनका हम सम्मान करते हैं. हम पूरी तरह से किसान के साथ खड़े हैं. हरियाणा का एक-एक गांव का किसान आंदोलन कर रहे किसान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. हरियाणा का किसान उनके लिए फल, सब्जी से लेकर दूध तक पहुंचा रहा है क्योंकि ये किसाम हमारी हरियाणा की पवित्र धरती पर बैठे हैं. बीच का रास्ता है कि सरकार इस कानून को वापस ले.

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