बीएसएफ का यह साहसी पर्वतारोही सातवीं बार एवरेस्ट के शिखर पर, बनाया नया रिकॉर्ड

बीएसएफ के कमांडेंट लवराज सिंह धर्मशक्तु के नेतृत्व में 25 पर्वतारोहियों की टीम माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए गई

बीएसएफ का यह साहसी पर्वतारोही सातवीं बार एवरेस्ट के शिखर पर, बनाया नया रिकॉर्ड

लवराज सिंह धर्मशक्तु सातवीं बार माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचने में सफल हुए और नया रिकॉर्ड बनाया.

खास बातें

  • लवराज सिंह ने पर्वतारोहण का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया
  • बीएसएफ़ की एक टीम शिखर पर, दूसरी कर रही चढ़ाई
  • उत्तराखंड के कुमांऊ के मूल निवासी हैं लवराज सिंह धर्मशक्तु
नई दिल्ली:

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कमांडेंट लवराज सिंह धर्मशक्तु ने रविवार की सुबह दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट के शिखर पर सातवीं बार कदम रखकर नया रिकॉर्ड कायम कर लिया. धर्मशक्तु के नेतृत्व में गए पर्वतारोहियों के दल के आधे सदस्य रविवार की सुबह एवरेस्ट पर पहुंच गए और शेष सदस्यों ने इसी दिन आधी रात से चढ़ाई शुरू की.        

उत्तराखंड के कुमाऊं के निवासी बीएसएफ के कमांडेंट लवराज धर्मशक्तु ने रविवार को पर्वतारोहण में एक नया रिकॉर्ड बना लिया. लवराज धर्मशक्तु ने सातवीं बार दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का कीर्तिमान अपने नाम किया है. धर्मशक्तु के नेतृत्व में बीएसएफ के 25 पर्वतारोहियों की टीम माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए गई है. यह टीम दो हिस्सों में ऊपर चढ़ी. पहली टीम धर्मशक्तु के नेतृत्व में एवरेस्ट पर पहुंच गई जबकि दूसरी टीम रविवार को आधी रात में एवरेस्ट की ओर चढ़ाई करने लगी है.

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पहाड़ी क्षेत्र कुमाऊं के एक गांव में जन्मे और हिमालय की गोद में पले-बढ़े सामान्य परिवार के लवराज सिंह को उनकी असामान्य उपलब्धियों के लिए पद्मश्री समेत कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं. काफी उत्साही लवराज सिंह ने अपना लक्ष्य तय किया और उसे हासिल करने में सतत जुटे रहे. उनके शौक और उत्साह के कारण ही उन्हें पर्वतारोहण का इंस्ट्रक्टर बनाया गया. वे इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन के आजीवन मानद सदस्य हैं. वे पर्वतारोहियों को पर्वतारोहण के गुर सिखाते हैं.

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सिर्फ माउंट एवरेस्ट ही नहीं लवराज कई दलों का नेतृत्व करते हुए दुनिया भर की 51 चोटियां फतह कर चुके हैं. एवरेस्ट की सात बार चढ़ाई उन्होंने अलग-अलग रास्तों से की. हालांकि चीन की तरफ से एक बहुत ही कठिन माने जाने वाले रास्ते से वे एवरेस्ट पर नहीं पहुंच पाए, लेकिन वे जहां तक पहुंचे वहां तक भी कोई अन्य दल नहीं पहुंच सका है. पर्यावरण के प्रति जागरूक लवराज सिंह पहाड़ों पर फैले कचरे को साफ़ करने के लिए लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं.


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