विदेश मंत्री एस जयशंकर से सोमवार को जब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में स्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं निश्चित रूप से आपको बता सकता हूं कि जब मैं जेएनयू में पढ़ता था, हमनें वहां कोई ‘टुकड़े-टुकड़े' गैंग नहीं देखा. जेएनयू परिसर में रविवार को हुई हिंसा के बाद संस्थान के पूर्व छात्र जयशंकर ने फौरन इस घटना की निंदा करते हुए कहा था कि यह पूरी तरह से विश्वविद्यालय की परंपरा और संस्कृति के खिलाफ है. दक्षिणपंथी दलों द्वारा विपक्ष, खास तौर पर वाम और वाम समर्थित संगठनों के साथ ही उनका समर्थन करने वालों के लिये टुकड़े-टुकड़े शब्द का इस्तेमाल किया जाता है.
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जयशंकर ने एक किताब के विमोचन के कार्यक्रम में जेएनयू छात्रों पर रविवार को किये गए हमले के संदर्भ में पूछे जाने पर कहा कि जेएनयू पर मुझे जो कहना था वह मैंने कल कह दिया था. वह बहुत स्पष्ट था. जेएनयू में रविवार रात डंडों और सरिये से लैस नकाबपोश लोगों ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. उन्होंने महिला छात्रावास पर भी हमला किया. जयशंकर ने घटना के बाद ट्वीट किया था कि जेएनयू में जो हो रहा है उसकी तस्वीरें देखी हैं. स्पष्ट रूप से हिंसा की आलोचना करता हूं. यह पूरी तरह विश्वविद्यालय की परंपरा और संस्कृति के खिलाफ है.
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