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This Article is From Nov 27, 2015

बार में हंगामे का मामला सुप्रीम कोर्ट ने बंद किया

बार में हंगामे का मामला सुप्रीम कोर्ट ने बंद किया
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)।
नई दिल्ली: वसंत कुंज की एक बार में हंगामे को लेकर दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के पोस्टर तक लगा दिए, लेकिन पहले दिल्ली हाइकोर्ट ने और अब सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को झटका देते हुए केस को बंद कर दिया है। मामले में पुलिस ने शराब किंग किशन लाल के पोते पार्थ वाडिया और पूर्व विधायक विजय लोचव के बेटे रणविजय समेत कुछ अन्य को आरोपी बनाया था।

दिल्ली पुलिस की याचिका खारिज की
कोर्ट ने कहा कि यह मामला हत्या के प्रयास का नहीं बनता। सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए दिल्ली पुलिस की याचिका को खारिज कर दिया है। पिछले साल वसंत कुज की एक बार में घुसने को लेकर वाडिया और उसके दोस्तों का बाउंसरों से झगड़ा हुआ था। वारदात सीसीटीवी मे कैद हुई। पुलिस मे क्रास केस दर्ज कर जांच शुरू की। लेकिन आरोपी पुलिस के हाथ नहीं लगे तो उनके पोस्टर तक लगा दिए गए। हालांकि इस मामले में हाइकोर्ट ने आरोपियों को राहत देते हुए अग्रिम जमानत दे दी।

कोर्ट ने पुलिस की सारी दलीलें ठुकराईं
मामले की सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने कहा कि आरोपी अच्छे घरों से हैं और उनका क्रिमिनल रिकार्ड नहीं है। साथ ही उनकी काउंसलिंग भी की गई और वे अब आगे ऐसी हरकत नहीं करेंगे। वैसे भी तमाम तथ्यों को देखकर यह मामला पब्लिक प्लेस में शांति भंग करने का लगता है। हाईकोर्ट ने जुर्माना लगाकर इस शर्त पर केस बंद कर दिया कि अगर वे आगे ऐसी हरकत करेंगे तो केस फिर से शुरू होगा। इसी को लेकर दिल्ली पुलिस सुप्रीम कोर्ट पहुंची और कहा कि यह गंभीर वारदात थी और जेसिका लाल जैसा मामला हो सकता था। अगर इन लोगों को छोड़ा जाएगा तो समाज में गलत संदेश जाएगा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने तमाम दलीलों को ठुकराते हुए हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगा दी।

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