पोखरण में मिसाइल का प्रदर्शन।
नई दिल्ली:
शुक्रवार को राजस्थान के पोखरण रेंज में भारतीय वायुसेना ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। तीन साल बाद हुए इस अभ्यास का नाम रखा गया है आयरन-फिस्ट और इसमें वायुसेना के कुल 180 लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों ने हिस्सा लिया। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इस दौरान वहां मौजूद रहे। पाकिस्तानी सीमा के बेहद करीब होने वाला यह शक्ति-प्रदर्शन दिन और रात दोनों समय हुआ।
शनिवार को राजस्थान के पोखरण रेंज में वायुसेना का युद्धाभ्यास आयरन-फिस्ट हुआ। एयर फोर्स अपनी पूरी वायुशक्ति के साथ इस एक्सरसाइज में उतरी। दुनिया के सबसे घातक लड़ाकू विमान सुखोई, मिराज, तेजस, मिग, आईएल-76, सी-130 जे सुपरहरक्युलिस, सी-17 ग्लोबमास्टर जैसे ट्रांसपोर्ट विमान और एमआई-17, एएलएच, एलसीएच जैसे हेलीकॉप्टरों ने अपनी शक्ति और कौशल को यहां बखूबी दिखाया। भारतीय वायुसेना के कुल 181 लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों ने आयरन फिस्ट एक्सरसाइज के फायर पॉवर डिमोंसर्टेशन (एफपीडी) में हिस्सा लिया । वायुसेना की आयरन-फिस्ट एक्सरसाइज का उद्देश्य दुनिया को अपनी ताकत से रूबरू कराना और दुश्मनों को यह चेतावनी देना भी है कि वे अपनी दहलीज से बाहर कदम निकालने की हिमाकत न करें। आयरन-फिस्ट एक्सरसाइज का आदर्श-वाक्य है ‘दुश्मन को सबक सिखाने की क्षमता का प्रदर्शन’।
भारतीय वायुसेना का पहला अभ्यास वर्ष 1954 में ‘वायु शक्ति’ के नाम से हुआ था। यही वजह है कि आयरन फिस्ट एक्सरसाइज के दौरान भारतीय वायुसेना के बीते 80 साल का सफर और उसमें निरंतर हो रही शक्ति के इजाफे का एक नमूना भी देखने को मिला। पाकिस्तानी सीमा के करीब पोखरण रेंज में हुए इस अभ्यास में वायुसेना की नाइट ऑपरेशनल कैपेबिलिटी यानि रात्रि में क्षमता का भी प्रदर्शन दिखाया।
युद्धाभ्यास में लड़ाकू विमानों के ऑपरेशन के अलावा गरुड़ कमांडो की सी-17 विमान से फ्री-फालिंग और युद्ध-कौशल भी दिखाया। इसके अलावा पहली बार प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की मौजूदगी में सुखोई से अस्त्र-मिसाइल से फायरिंग की गई। साथ ही स्वदेशी निर्मित आकाश मिसाइल सिस्टम प्रणाली से लाइव फायरिंग की गई।
शनिवार को राजस्थान के पोखरण रेंज में वायुसेना का युद्धाभ्यास आयरन-फिस्ट हुआ। एयर फोर्स अपनी पूरी वायुशक्ति के साथ इस एक्सरसाइज में उतरी। दुनिया के सबसे घातक लड़ाकू विमान सुखोई, मिराज, तेजस, मिग, आईएल-76, सी-130 जे सुपरहरक्युलिस, सी-17 ग्लोबमास्टर जैसे ट्रांसपोर्ट विमान और एमआई-17, एएलएच, एलसीएच जैसे हेलीकॉप्टरों ने अपनी शक्ति और कौशल को यहां बखूबी दिखाया। भारतीय वायुसेना के कुल 181 लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों ने आयरन फिस्ट एक्सरसाइज के फायर पॉवर डिमोंसर्टेशन (एफपीडी) में हिस्सा लिया ।
भारतीय वायुसेना का पहला अभ्यास वर्ष 1954 में ‘वायु शक्ति’ के नाम से हुआ था। यही वजह है कि आयरन फिस्ट एक्सरसाइज के दौरान भारतीय वायुसेना के बीते 80 साल का सफर और उसमें निरंतर हो रही शक्ति के इजाफे का एक नमूना भी देखने को मिला। पाकिस्तानी सीमा के करीब पोखरण रेंज में हुए इस अभ्यास में वायुसेना की नाइट ऑपरेशनल कैपेबिलिटी यानि रात्रि में क्षमता का भी प्रदर्शन दिखाया।
युद्धाभ्यास में लड़ाकू विमानों के ऑपरेशन के अलावा गरुड़ कमांडो की सी-17 विमान से फ्री-फालिंग और युद्ध-कौशल भी दिखाया। इसके अलावा पहली बार प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की मौजूदगी में सुखोई से अस्त्र-मिसाइल से फायरिंग की गई। साथ ही स्वदेशी निर्मित आकाश मिसाइल सिस्टम प्रणाली से लाइव फायरिंग की गई।
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