कश्मीर में मई माह सुरक्षाबलों के लिए कठिन गुजरा, जितने आतंकी मरे उतने ही सुरक्षाकर्मी शहीद

कश्मीर में आतंकियों के साथ नौ मुठभेड़ें हुईं, सुरक्षाबलों पर चार हमले हुए और इनमें छह आम नागरिकों की भी जानें गईं

कश्मीर में मई माह सुरक्षाबलों के लिए कठिन गुजरा, जितने आतंकी मरे उतने ही सुरक्षाकर्मी शहीद

शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा (फाइल फोटो).

नई दिल्ली:

मई का महीना कश्मीर में सुरक्षा बलों पर काफी भारी पड़ा है. हालात ये है कि इस महीने में जितने आतंकी सुरक्षाबलों ने मार गिराए हैं करीब उतने ही सुरक्षाबल जवानों को इस कामयाबी के लिए शहादत देनी पड़ी है. इस महीने कश्मीर में आतंकियों के साथ नौ मुठभेड़ें हुईं. सुरक्षाबलों पर चार हमले हुए. इनमें छह आम नागरिकों की जान गई. तीन को आतंकियों ने मार दिया और तीन श्रीनगर में मुठभेड़ के दौरान दीवार गिरने से मर गए.

मई महीने में शहीद होने वाले 15 सुरक्षाकर्मियों में सबसे अधिक नुकसान सेना को हुआ है जिसने इस कामयाबी के लिए अपने सात जवानों का गंवा दिया है. सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस के तीन-तीन जवान शहीद हो गए हैं वहीं बीएसएफ के दो जवानों को भी आतंकी हमले में अपनी जान गंवानी पड़ी है.    

ऐसा नहीं है कि सुरक्षाबलों को केवल नुकसान ही हुआ है. हिज्बुल के टॉप कमांडर रियाज नायकू से लेकर हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष के बेटे जुनैद सहराई का मारा जाना सुरक्षा बलों के लिए बहुत बड़ी कामयाबी है.

मई महीने में सुरक्षाबलों को सबसे बड़ा नुकसान तब हुआ जब आतंकी मुठभेड़ में फंसकर सेना के कर्नल आशुतोष, मेजर अनुज और तीन अन्य जवान शहीद हो गए. सेना के कर्नल रैंक के अधिकारी को कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ में खोना बहुत अरसे बाद हुआ है. 

बेशक सुरक्षा बलों को इस महीना ज़्यादा नुकसान हुआ है पर उम्मीद है कि अगले महीने ऐसा नहीं होगा. इसमें कोई दो राय नहीं कि सुरक्षाबलों ने कश्मीर में आतंकियों की कमर तोड़ दी है और जल्द ही बचे खुचे आतंकियों का सफाया भी कर देंगे.

VIDEO : मुठभेड़ में कर्नल और मेजर समेत 5 शहीद

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