फाइल फोटो
रांची:
झारखंड में बारिश की कमी के कारण पूरा राज्य सूखे की ओर बढ़ रहा है, और किसानों के चेहरों से मुस्कान गायब होती जा रही है। एक रपट के मुताबिक, अगस्त में बारिश की स्थिति बहुत ही खराब रही और सितंबर में बारिश की स्थिति और भी खराब लग रही है।
किसान अनुज महतो ने कहा, "धान की फसलें तो हरी हैं लेकिन राज्य में बारिश न होने के चलते ये फसलें धीरे-धीरे सूख रही हैं।" खेतों में दरारें भी देखी जा सकती हैं। रांची में औसतन 1,228 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस मानसून में अबतक 800.3 मिलीमीटर बारिश हुई है।
राज्य के 24 जिलों में से 12 जिलों की स्थिति काफी खराब है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में राज्य में अच्छी बारिश की संभावना नहीं है। राज्य में बड़ी सिंचाई परियोजनाएं पिछले 20-30 सालों से लंबित हैं।
राज्य का कृषि विभाग स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। झारखंड के कृषि सचिव, नितिन कुलकर्णी ने आईएएनएस से कहा, "हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। अगर बारिश नहीं होती है तो हम कुछ नहीं कर सकते। हमें आशा है कि यदि राज्य में अलगे सात-आठ दिनों में बारिश हो जाती है तो स्थिति सुधर जाएगी।"
किसान अनुज महतो ने कहा, "धान की फसलें तो हरी हैं लेकिन राज्य में बारिश न होने के चलते ये फसलें धीरे-धीरे सूख रही हैं।" खेतों में दरारें भी देखी जा सकती हैं। रांची में औसतन 1,228 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस मानसून में अबतक 800.3 मिलीमीटर बारिश हुई है।
राज्य के 24 जिलों में से 12 जिलों की स्थिति काफी खराब है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में राज्य में अच्छी बारिश की संभावना नहीं है। राज्य में बड़ी सिंचाई परियोजनाएं पिछले 20-30 सालों से लंबित हैं।
राज्य का कृषि विभाग स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। झारखंड के कृषि सचिव, नितिन कुलकर्णी ने आईएएनएस से कहा, "हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। अगर बारिश नहीं होती है तो हम कुछ नहीं कर सकते। हमें आशा है कि यदि राज्य में अलगे सात-आठ दिनों में बारिश हो जाती है तो स्थिति सुधर जाएगी।"
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