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This Article is From Aug 16, 2020

परिसीमन की प्रक्रिया खत्म होते ही जम्मू-कश्मीर में चुनाव के लिए देश प्रतिबद्ध: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया खत्म होते ही चुनाव कराने की देश की प्रतिबद्धता व्यक्त की और कहा कि नई ऊर्जा के साथ यह केंद्र शासित प्रदेश विकास के मार्ग पर आगे बढ़ें इसके लिए प्रयास हो रहे हैं.

परिसीमन की प्रक्रिया खत्म होते ही जम्मू-कश्मीर में चुनाव के लिए देश प्रतिबद्ध: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया खत्म होते ही चुनाव कराने की देश की प्रतिबद्धता व्यक्त की और कहा कि नई ऊर्जा के साथ यह केंद्र शासित प्रदेश विकास के मार्ग पर आगे बढ़ें इसके लिए प्रयास हो रहे हैं.

लाल किले की प्राचीर से 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों का ब्योरा देते हुए कहा कि उसी प्रकार से लेह-लद्दाख, करगिल और जम्‍मू-कश्‍मीर क्षेत्र को अनुच्छेद 370 से आजादी मिल चुकी है और एक साल पूरा भी हो चुका है.

उन्होंने कहा, ‘‘जम्‍मू-कश्‍मीर में परिसीमन की प्रक्रिया चल रही है. उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्‍यायाधीश के नेतृत्‍व में इस पर काम चल रहा है और जल्‍दी से इसके पूरा होते ही भविष्‍य में वहां चुनाव हों, जम्‍मू-कश्‍मीर का विधायक हो, जम्‍मू-कश्‍मीर के मंत्रिगण हों, जम्‍मू-कश्‍मीर के मुख्‍यमंत्री हों... नई ऊर्जा के साथ विकास के मार्ग पर आगे बढ़ें, इसके लिए देश प्रतिबद्ध भी है और प्रयासरत भी है.'' 

मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र को एक वर्ष पहले अनुच्छेद 370 से आजादी मिल चुकी है और ये एक साल जम्‍मू-कश्‍मीर की एक नई विकास यात्रा का बड़ा महत्‍वपूर्ण पड़ाव है. उन्होंने कहा, ‘‘ये एक साल वहां की महिलाओं को, दलितों को, मूलभूत अधिकारों को देने वाला कालखंड रहा है. ये हमारे शरणार्थियों को गरिमा पूर्ण जीवन जीने का भी एक साल रहा है.'' 

जम्मू-कश्मीर का गत वर्ष पुनर्गठन करते हुए उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया था. इसके तहत जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का प्रावधान रखा गया जबकि लद्दाख में यह प्रावधान नहीं है. सरकार ने इससे पहले परिसीमन आयोग का गठन कर जम्मू एवं कश्मीर व पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में विधानसभा और संसदीय सीटों के पुन: परिसीमन की प्रक्रिया आरंभ की थी.

परिसीमन विधानसभा व संसदीय क्षेत्रों की सीमाओं का तय करने की प्रक्रिया है. जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन कानून के मुताबिक केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में विधानसभाओं की संख्या 107 से बढ़ कर 114 होगी. इनमें से 24 सीटें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हैं. इस प्रकार प्रभावी तौर पर राज्य विधानसभा की सीटों की संख्या 83 से बढ़ कर 90 हो जाएगी. 

जम्मू एवं कश्मीर के पुनर्गठन से पहले राज्य विधानसभा में 46 सीटें कश्मीर, 37 जम्मू और चार लद्दाख में थीं. परिसीमन के बाद जम्मू में पांच सीटों की वृद्धि होंगी वहीं कश्मीर में दो. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि विकास का लाभ गांव और गरीब तक पहुंचाने के लिए ‘‘गांव की ओर लौटो'' जैसे विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं. आयुष्‍मान योजना को बेहतरीन तरीके से आज जम्‍मू-कश्‍मीर व लद्दाख के क्षेत्र में उपयोग किया जा रहा है. 

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती, लोकतंत्र की सच्‍ची ताकत हमारी चुनी हुई स्‍थानीय इकाइयों में हैं और यह गर्व की बात है कि जम्‍मू-कश्‍मीर में स्‍थानीय इकाइयों के जनप्रतिनिधि सक्रियता और संवेदनशीलता के साथ विकास के नए युग को आगे बढ़ा रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनके सभी पंच- सरपंचों को हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं... विकास यात्रा में उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए.''उन्होंने कहा कि लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बना कर वहां की बरसों पुरानी मांग व आंकाक्षा को पूरा करने का काम हुआ है. वहां केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे विकास कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि लद्दाख की कई विशेषताएं हैं जिन्हें संभालने और संवारने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, ‘‘जैसे सिक्किम ने जैविक राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाई है, वैसे ही लद्दाख, लेह, कारगिल पूरा क्षेत्र हमारे देश के लिए कार्बन न्यूट्रल इकाई के रूप में अपनी पहचान बना सकता है.'' उन्होंने कहा कि इसके लिए भारत सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही हैं. 

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