लुधियाना अदालत में हुए धमाके के आरोपी के तार खालिस्तानियों से जुड़े : पंजाब पुलिस

पंजाब के पुलिस महानिदेशक सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने कहा, आरोपी हेड कांस्टेबल गगनदीप सिंह को 2019 में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था, वह बम के पुर्जों को जोड़ने और बम को कहीं लगाने के लिए शौचालय गया था

लुधियाना अदालत में हुए धमाके के आरोपी के तार खालिस्तानियों से जुड़े : पंजाब पुलिस

लुधियाना जिला अदालत में बम धमाके का आरोपी पूर्व पुलिस हेड कांस्टेबल गगनदीप सिंह (फाइल फोटो).

चंडीगढ़:

पंजाब के पुलिस महानिदेशक सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने शनिवार को कहा कि लुधियाना जिला अदालत में जिस पूर्व पुलिस हेड कांस्टेबल की मौत हुई थी, उसके खालिस्तानी तत्वों और आतंकवादियों से संबंध थे. डीजीपी ने कहा कि घटना के पीछे पाकिस्तान स्थित तत्वों का भी हाथ होने का अंदेशा है. चट्टोपाध्याय ने यहां मीडिया से कहा कि हेड कांस्टेबल गगनदीप सिंह (31) को 2019 में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि सिंह, बम के पुर्जों को जोड़ने और बम को कहीं लगाने के लिए शौचालय गया था.

पुलिस प्रमुख ने कहा कि जब बम फटा तब सिंह शौचालय में अकेला था. चट्टोपाध्याय ने बताया कि सिंह अपने गृह नगर खन्ना में एक पुलिस थाने में ‘मुंशी' के पद पर तैनात था और मादक पदार्थ के एक मामले में उसे नौकरी से निकाला गया था. सिंह को 2019 में 385 ग्राम हेरोइन लेकर चलने के लिए मादक पदार्थ रोधी कार्यबल द्वारा गिरफ्तार किया गया था और उस पर स्वापक औषधि तथा मनःप्रभावी पदार्थ अधिनियम 2019 के तहत मामला दर्ज किया गया था. डीजीपी ने कहा कि सिंह जेल में दो साल तक सजा काट चुका था और वर्तमान में जमानत पर रिहा था. उन्होंने कहा कि मामले की अगली सुनवाई, धमाका होने के एक दिन बाद 24 दिसंबर को होने वाली थी.

बृहस्पतिवार को अदालत परिसर में हुए धमाके में गगनदीप सिंह की मौत हो गई थी तथा छह अन्य घायल हो गए थे. इस घटना के बाद पंजाब सरकार ने राज्य में ‘हाई अलर्ट' घोषित कर दिया था. पुलिस ने कहा कि जेल में बंद रहने के दौरान सिंह कुछ बुरे लोगों के संपर्क में आया होगा. चट्टोपाध्याय ने कहा कि प्रारंभिक जानकारी में सामने आया है कि सिंह का पंजाब के भीतर और विदेश में खालिस्तानी तत्वों, आतंकी संगठनों, माफिया समूहों और मादक पदार्थ तस्करों से संबंध था. उन्होंने कहा कि आगे की जानकारी का बाद में खुलासा किया जाएगा.

धमाके में पाकिस्तान का हाथ होने के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि पुलिस को “पूरा शक है”, लेकिन वह निश्चित तौर पर अभी नहीं कह सकते. उन्होंने कहा कि अब तक जो सुराग मिले हैं उससे प्रतीत होता है कि इस घटना के पीछे पाकिस्तान में बैठकर संचालन कर रहे किसी व्यक्ति का हाथ था.

यह पूछे जाने पर कि क्या धमाके में पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी समर्थकों का हाथ था, चट्टोपाध्याय ने कहा कि खालिस्तानी तत्वों और नार्को आतंकवाद से संबंध होने का संकेत मिला है. उन्होंने कहा कि सिंह पर मादक पदार्थ का मामला चल रहा था और माफिया के साथ उसका संपर्क भी स्थापित हो चुका है. डीजीपी ने कहा कि धमाके में प्रयुक्त हुआ विस्फोटक वैसा ही था, जैसा आतंकवादी इस्तेमाल करते हैं और ऐसा लगता है कि वह सीमापार से आया होगा.

पंजाब पुलिस प्रमुख ने कहा कि लुधियाना अदालत धमाका आतंकवाद, संगठित अपराध, माफिया और मादक पदार्थों के “खतरनाक खेल” का सबसे बड़ा उदाहरण है. यह पूछे जाने पर कि क्या बम में आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था, चट्टोपाध्याय ने कहा कि विस्फोटक को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है और उसकी रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि उसमें कौन सी सामग्री का इस्तेमाल किया गया था.

उन्होंने कहा, “मैं निश्चित तौर पर नहीं कह सकता कि विस्फोट में किस सामग्री का इस्तेमाल किया गया था.” एक अन्य सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि सिंह जब पुलिस सेवा में था, तब उसका तकनीकी ज्ञान अच्छा था. राज्य के पुलिस प्रमुख ने कहा, “उसे कम्प्यूटर और तकनीक का बहुत अच्छा ज्ञान था.” मानव बम की संभावना से इनकार करते हुए चट्टोपाध्याय ने कहा, “ऐसा लगता है कि वह कुछ तार जोड़ने और उसे (बम) लगाने के लिए लिए वहां (शौचालय) गया था. मानव बम ऐसे नहीं बनते.”

अधिकारी ने कहा, “वह जिस तरह से बैठा था, उससे ऐसा नहीं लगता कि वह उसका (शौचालय) का इस्तेमाल करने गया था. वह शौचालय का इस्तेमाल उसे (बम) जोड़ने के लिए कर रहा था. वह वहां अकेला था.” चट्टोपाध्याय ने कहा कि पोस्टमॉर्टम के दौरान, पुलिस ने सिंह के दाहिने हाथ पर बने टैटू से उसकी पहचान की. इसके अलावा डीएनए नमूने की एकत्र किए गए. गगनदीप की पत्नी जसप्रीत कौर के अनुसार, धमाके वाले दिन उसका पति घर से सुबह साढ़े नौ बजे निकला था और उसके बाद से उसका मोबाइल फोन बंद था. कौर ने गगनदीप की बांह पर बने टैटू और उसके कपड़े की पहचान की.

अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में कथित तौर पर हुई बेअदबी का हवाला देते हुए डीजीपी ने कहा कि बेअदबी का एक मामला दर्ज किया गया है और एक डीसीपी की अगुआई में विशेष जांच दल मामले की छानबीन कर रहा है. पुलिस प्रमुख ने कहा कि एसआईटी जल्दी ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. उन्होंने कहा कि कथित बेअदबी के प्रयास के लिए जिस व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी, अब तक उसकी पहचान नहीं हो पाई है.

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कपूरथला में हुई इसी प्रकार की एक अन्य घटना के संबंध में डीजीपी ने कहा कि उस घटना में बेअदबी नहीं हुई थी और जिस व्यक्ति की निर्दयता से हत्या कर दी गई थी वह चोरी से इरादे से गुरुद्वारे में घुसा था. चट्टोपाध्याय ने कहा कि इस संबंध में हत्या का मामला दर्ज किया गया है.



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)