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This Article is From Jan 18, 2016

न्याय मांगने वाले की राह में बाधा डालने वाले को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे : सुप्रीम कोर्ट

न्याय मांगने वाले की राह में बाधा डालने वाले को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे : सुप्रीम कोर्ट
सबरीमाला मंदिर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोई न्याय मांगने वाले की राह में अगर बाधक बनता है तो यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कोई ऐसा करता है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतना होगा। केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले वकील को लगातार धमकियां मिलने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है।

इसी मामले में सोमवार को कोर्ट ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी कर सुरक्षा को लेकर जवाब मांगा है और सुरक्षा के तमाम इंतजाम करने को कहा है। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि हम लिंग आधारित भेदभाव को लेकर सुनवाई कर रहे हैं। हम यह तय करेंगे की मंदिर में महिलाओं को लेकर पाबंदी का फैसला सही है या नहीं।

वकीलों को धमकी का मामला
यंग लायर एसोसिएशन की तरफ से सन 2006 में सबरीमाला अयप्पा मंदिर में 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर प्रशासन पर सवाल उठाया था कि आखिर मंदिर में इस तरह प्रवेश पर पाबंदी कैसे लगाई जा सकती है।

पुलिस ने दी सुरक्षा
इसके बाद से ही एसोसिएशन के अध्यक्ष नौशाद अहमद खान और उनके साथी रवि प्रकाश गुप्ता को धमकियां आ रही हैं। नौशाद को तो केरल, तमिलनाडू के अलावा विदेशों से भी धमकियां मिल रही हैं। यहां तक कि उन्हें सोशल मीडिया पर भी प्रताड़ित किया जा रहा है। हालांकि पुलिस ने शिकायत मिलने पर उन्हें सुरक्षा दी है। नौशाद दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के वकील हैं।

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