
शहीद सीआरपीएफ कमांडेंट प्रमोद कुमार (फाइल फोटो)
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हमला करने वाले दोनों आतंकियों को सीआरपीएफ ने मार गिराया
आतंकी हमले में हमले में सुरक्षा बल के नौ जवान घायल
प्रमोद कुमार ने 1998 में ज्वाइन की थी सीआरपीएफ
अचानक हुए आतंकी हमले में प्रमोद कुमार के सिर में गोली लगी. उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई. 15 अक्टूबर, 1972 में पटना के बख्तियारपुर में जन्मे प्रमोद कुमार ने 1998 में सीआरपीएफ ज्वाइन किया था. देश के अलग-अलग खतरनाक इलाकों में तैनाती के अलावा 2011 से 2014 तक प्रमोद कुमार पीएम की सुरक्षा में तैनात एसपीजी का हिस्सा भी रहे.
18 साल की सेवा के बाद उन्हें कुछ महीने पहले ही प्रमोशन के बाद कमांडिंग ऑफिसर का पद मिला था. वह अपने पीछे पत्नी नेहा त्रिपाठी और बेटी आरना को छोड़ गए हैं. जम्मू एवं कश्मीर की आतंरिक सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के लिए यह एक बड़ा नुकसान है, जिसकी भरपाई होनी काफी मुश्किल है.
बताया गया है कि श्रीनगर में काफी लंबे समय के बाद इस तरह का कोई हमला हुआ है. गौरतलब है कि नौहट्टा उस बख्शी स्टेडियम से ज़्यादा दूर नहीं है, जहां मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती स्वतंत्रता दिवस समारोह में हिस्सा ले रही थीं. हमला उस समय हुआ, जिस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में ऐतिहसिक लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान को लताड़ रहे थे.
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