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This Article is From Sep 08, 2017

तेलंगाना : TRS का यह विधायक अब नहीं है भारतीय नागरिक, जानें क्यों?

सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के विधायक रमेश चेन्नामनेनी के पास जर्मन पासपोर्ट होने की पुष्टि होने के बाद यह कार्रवाई की गई है.

तेलंगाना : TRS का यह विधायक अब नहीं है भारतीय नागरिक, जानें क्यों?
गृह मंत्रालय ने तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति के विधायक रमेश चेन्नामनेनी की नागरिकता रद्द कर दी है..
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के विधायक रमेश चेन्नामनेनी के पास दूसरे देश का पासपोर्ट होने के आधार पर उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि चेन्नामनेनी के पास जर्मन पासपोर्ट होने की पुष्टि होने के बाद यह कार्रवाई की गयी है. मंत्रालय ने तेलंगाना में करीमनगर जिले की वेमुलावाडा विधानसभा सीट से विधायक चेन्नामनेनी द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारतीय नागरिकता हासिल करने की शिकायत पर अदालत द्वारा जांच करने के आदेश पर की गई कार्रवाई में उक्त विधायक जर्मन पासपोर्ट धारक होने की बात सामने आई है. इसके आधार पर उनकी भारतीय नागरिकता रद्द की गई है.

चेन्नामनेनी ने एक उपचुनाव सहित तीन बार विधानसभा चुनाव जीता है. चेन्नामनेनी के एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी ने टीआरएस विधायक के जर्मन पासपोर्ट धारक होने के आधार पर आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में उनके निर्वाचन को चुनौती दी थी. अदालत के आदेश पर मंत्रालय द्वारा की गयी जांच में पाया गया कि चेन्नामनेनी जर्मन पासपोर्ट धारक हैं और विदेशी अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक वह भारत में कभी भी 12 महीने से अधिक समय तक नहीं रुके.

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चेन्नामनेनी तेलंगाना राज्य बनने से पहले साल 2009 में तेलगू देशम पार्टी के टिकट पर पहली बार विधायक चुने गये थे. कुछ समय बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा देकर टीआरएस का दामन थामकर साल 2010 में हुये उपचुनाव में भी जीत हासिल की. उनके निर्वाचन को साल 2013 में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया गया. अदालत के इस आदेश को उन्होंने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी. इस पर सर्वोच्च अदालत द्वारा जारी स्थगन आदेश के दौरान साल 2014 में हुये तेलंगाना विधानसभा चुनाव में वह तीसरी बार भी चुनाव जीतने में कामयाब रहे.

इस मामले में अग्रिम सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत द्वारा गृह मंत्रालय से जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया. मंत्रालय की जांच में पाया गया कि चेन्नामनेनी ने जर्मन नागरिकता हासिल कर ली थी. मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में दोहरी नागरिकता का प्रावधान नहीं होने के कारण जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत कोई भी गैर भारतीय नागरिक न तो भारत में चुनाव लड़ सकता है और ना ही मतदान कर सकता है. इस बीच सरकार द्वारा नागरिकता रद्द करने के फैसले पर चेन्नामनेनी से प्रतिक्रिया हासिल करने की तमाम कोशिश नाकाम रही.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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