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This Article is From Oct 08, 2011

तेलंगाना पर केंद्र सरकार शीघ्र निर्णय लेगी : रेड्डी

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश में पृथक तेलंगाना राज्य के लिए जारी आंदोलन के मसले पर नई दिल्ली में शनिवार को केंद्रीय मंत्रियों से मिलने के बाद मुख्यमंत्री एन. किरण रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना संकट का समाधान शीघ्र निकाल लिया जाएगा। इसके पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आंदोलन के मुद्दे पर राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन के साथ विचार-विमर्श किया। केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, रक्षा मंत्री एके एंटनी, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और राज्य में कांग्रेस प्रभारी गुलाम नबी आजाद से मिलने के बाद पत्रकारों से कहा, "मैं आंध्र प्रदेश के लोगों की आकांक्षाओं पर चर्चा करने और सभी के लिए के लिए एक सौहार्दपूर्ण हल निकालने के लिए यहां आया हूं।" उन्होंने कहा, "मैंने केंद्रीय मंत्रियों को अपनी राय दे दी है और वे राज्य की भलाई के लिए एक हल निकालेंगे।" इस बीच, हैदराबाद में इस्तीफा दे चुके तेलंगाना क्षेत्र के कांग्रेस सांसदों ने अपना आंदोलन फिर तेज करने की चेतावनी दी है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने के विकल्प को खुला छोड़ रखा है लेकिन इस पर अंतिम निर्णय कांग्रेस कोर समिति लेगी। हालांकि बैठक के बाद आजाद ने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की आवश्यकता नहीं है। इसके पहले प्रधानमंत्री ने पृथक तेलंगाना राज्य के मसले पर राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन के साथ विचार-विमर्श किया। अधिकारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी के साथ भी बातचीत कर सकते हैं। इस बीच, राज्य के मुख्यमंत्री रेड्डी केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत करने के लिए शनिवार सुबह ही दिल्ली पहुंच गए। तेलंगाना क्षेत्र में पिछले 26 दिनों से जारी आम हड़ताल को देखते हुए राज्य के शीर्ष कांग्रेसी नेता आलाकमान से बातीचीत करने के लिए दिल्ली पहुंचे हुए हैं। इस हड़ताल की वजह से जनजीवन बुरी तरह बाधित हो गया है। इससे पहले शनिवार सुबह नरसिम्हन ने केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम से मुलाकात कर आंदोलन प्रभावित तेलंगाना के मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। वहीं, तेलंगाना मुद्दे पर एक उच्च स्तरीय बैठक में हिस्सा लेने के बाद आजाद ने संवाददाताओं से कहा, "इस वक्त वहां राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की कोई आवश्यकता नहीं है।" बैठक में मुख्य वार्ताकार केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के अलावा कई वरिष्ठ मंत्रियों, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन.किरण रेड्डी तथा राज्य के कई वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया। तेलंगाना मुद्दे पर पिछले सप्ताह ही केंद्रीय नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट सौंपने वाले आजाद ने कहा, "आज की बैठक तेलंगाना मसले पर बातचीत की प्रक्रिया का ही एक हिस्सा था।" आजाद ने कहा कि एक अलग राज्य के गठन के मसले का हल एक या दो दिन में नहीं निकाला जा सकता। इसके पहले प्रणब मुखर्जी ने मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से शुक्रवार को अलग-अलग मुलाकात की थी और उसके बाद उन्होंने कहा कि इस मसले पर बातचीत करने के लिए सरकार को अभी और समय की जरूरत है। तेलंगाना के कांग्रेस नेताओं को उम्मीद है कि पार्टी आला कमान शनिवार शाम तक कोई अहम घोषणा कर सकता है। सरकारी कर्मचारियों, परिवहन और खदान के कामगारों की हड़ताल जारी है, जिससे यहां लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व हड़ताल को समाप्त करवाने के लिए तेलंगाना से जुड़े समूहों को सहमत कर एक बयान जारी कर सकता है। आजाद ने पिछले सप्ताह ही तेलंगाना का दौरा कर वहां के कांग्रेस नेताओं से बातचीत की थी। उन्होंने अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंप दी है। आजाद ने संवाददाताओं से कहा था कि इस मसले को हल करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक नेताओं से बातचीत किए जाने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि मनमोहन सिंह पिछले सप्ताह तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव और क्षेत्र के अन्य नेताओं से मिल चुके हैं। बातचीत के बाद प्रधानमंत्री ने भी यही कहा था कि इस मसले पर अभी और बातचीत किए जाने की आवश्यकता है।

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